मानसून सत्र के दौरान संसद में मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष का लगातार सदन में हंगामा जारी है। आज सुबह संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई। मानसून सत्र शुरू होने के बाद बीजेपी संसदीय दल की यह पहली बैठक है। यह बैठक संसद के लाइब्रेरी बिल्डिंग में हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बैठक में शामिल हुए। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने विपक्ष के नए नाम INDIA पर तंज कसा और कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी में भी इंडिया था और इंडियन मुजाहिदीन में भी इंडियन है लेकिन सिर्फ इंडिया नाम रखने से इंडिया नहीं हो जाता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष पूरी तरह से दिशाहीन है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष हताश और निराश है और उसके आचरण से पता चलता है कि उन्होंने लंबे समय तक विपक्ष में रहने का ही मन बना लिया है। ईस्ट इंडिया कंपनी और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे नामों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल देश का नाम इस्तेमाल करके ही लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘विपक्षी पार्टियों ने इंडिया नाम, लोगों को गुमराह करने के लिए रखा है। विपक्ष, सत्ता में नहीं आना चाहता। लोगों को गुमराह करने के लिए ही इंडिया नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इस बैठक में बीजेपी संसदीय दल की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम बड़े नेता उपस्थित हुए। प्रधानमंत्री के बयान पर कांग्रेस ने एतराज जताया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, इतने सारे प्रतिनिधि संसद में 267 के तहत नोटिस दे रहे हैं। हम मणिपुर के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में बात कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में कहा, सरकार राजस्थान और छत्तीसगढ़ में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार के 177 नोटिसों पर चर्चा के लिए तैयार है। पूरे देश में, अगर महिलाओं के खिलाफ कोई अपराध है, तो सरकार चर्चा के लिए तैयार है। हमें इन मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए।