83 साल की आयु में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और राजनीति क्षेत्र के माहिर खिलाड़ी शरद पवार अपना रसूख और पार्टी को बचाने के लिए दौड़ लगाने को विवश है। राजनीति में पिछले कुछ दिनों से शरद पवार भतीजे अजीत पवार से लगातार पीछे होते जा रहे हैं। अब शरद पवार आज राजधानी दिल्ली में अपना एक बार फिर शक्ति प्रदर्शन करेंगे। एनसीपी पर अपना वर्चस्व और पार्टी की साख बचाने के लिए शरद पवार का आज आखिरी दांव माना जा रहा है। मंगलवार (5 जुलाई) से लेकर आज की सुबह तक आ रहे अपडेट्स के मुताबिक शरद पवार और अजित पवार दोनों ही अब एनसीपी पर अपनी-अपनी दावेदारी पेश करने की जुगत में लगे हैं। शरद पवार ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है और वह मुंबई से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं। यह बैठक राष्ट्रवादी कांग्रेस के भविष्य की नज़र से काफी अहम मानी जा रही है। आज दोपहर 3 बजे होने जा रही इस बैठक में जयंत पाटिल, सुप्रिया सुले, जितेंद्र आव्हाड सहित एनसीपी के लोकसभा और राज्यसभा के सांसद मौजूद रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बैठक में अजित पवार के खिलाफ प्रस्ताव पास हो सकता है। महाराष्ट्र में सियासी हलचल अभी भी मची हुई है। एनसीपी में बगावत के बाद बुधवार (5 जुलाई) को शरद पवार और अजित पवार के बीच शक्ति प्रदर्शन करते हुए अलग-अलग बैठक की। मुंबई के बांद्रा में हुए बैठक में बोलते हुए अजित पवार ने अपना दर्द बताया तो इच्छा भी जाहिर की। अजित पवार ने कहा, मैंने पांच बार डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली है, जो एक रिकॉर्ड है, लेकिन गाड़ी यहीं रुक गई है। अजित पवार ने कहा कि मुझे दिल से लगता है कि मझे राज्य का प्रमुख (मुख्यमंत्री) बनना चाहिए. मेरे पास कुछ प्लान हैं, जिन्हें मैं कार्यान्वित करना चाहता हूं और उसके लिए मुख्यमंत्री बनना जरूरी है। अजित पवार ने चाचा पवार को रिटायरमेंट की सलाह भी दे डाली. उन्होंने कहा कि आप कभी रुकेंगे या नहीं. हमें आशीर्वाद देंगे. बीजेपी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, वहां नेता 75 वर्ष की आयु में रिटायर हो जाते हैं। हर किसी की अपनी पारी है. सबसे सार्थक समय 25 से 75 वर्ष की आयु का होता है। शरद पवार के गुट ने भी यशवंतराव बलवंतराव चव्हाण सेंटर में बैठक की. भतीजे पर निशाना साधते हुए सीनियर पवार ने कहा, अगर अजित को कोई समस्या थी तो उन्हें मुझसे बात करनी चाहिए थी. अगर उनके मन में कुछ था तो वह मुझसे संपर्क कर सकते थे।
इस बीच अजित पवार के धड़े ने शरद पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया है. बुधवार को अजित पवार गुट की तरफ से बयान जारी कर बताया गया कि निर्वाचन आयोग को एक हलफनामे के जरिए सूचित किया गया है कि अजित पवार को बीती 30 जून को एनसीपी के सदस्यों के बहुमत की ओर से हस्ताक्षरित एक प्रस्ताव के माध्यम से एनसीपी प्रमुख चुना गया है।
बुधवार को दोनों गुटों की बैठक में शक्ति प्रदर्शन भी किया गया. अजित पवार के साथ 32 विधायक नजर आए जबकि सीनियर पवार के साथ 53 में से 18 विधायक हैं. तीन विधायक अभी भी किसी गुट के साथ नहीं हैं. इस बीच शरद पवार ने गुरुवार (6 जुलाई) को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। शरद पवार सुबह 10 बजे मुंबई से दिल्ली के लिए रवाना होंगे। बैठक में अजित पवार के खिलाफ प्रस्ताव पास हो सकता है। अजित पवार को सरकार में शामिल करने पर सीएम शिंदे की पार्टी में भी विरोध के सुर उठने लगे हैं। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि अजित पवार के साथ आने से शिवसेना और बीजेपी दोनों के विधायकों में नाराजगी है. हमें किसी और की जरूरत नहीं थी। सीएम को हमने इस बारे में बता दिया है। सीएम और उपमुख्यमंत्री दोनों ने हमें आश्वस्त किया है कि सभी के साथ न्याय होगा।