मां की ममता का कोई मोल नहीं, मां के प्यार को कौन भुलाए, मां की ही लॉरी हमें रातों को सुलाए। थककर आंखें उसकी बंद होती हैं पर, मां सोती भी है तो फिक्रमंद होती है। यह लाइन मां के लिए समर्पित है। हर साल मई के दूसरे रविवार को “मदर्स डे” यानी मातृत्व दिवस मनाया जाता है। सोशल मीडिया पर सुबह से ही मां के त्याग और समर्पण को लेकर शुभकामनाएं का दौर जारी है। मां की इसी भूमिका और योगदान को नमन करने के लिए एक खास दिन समर्पित है। इस दिन को मातृत्व दिवस के तौर पर मनाया जाता है। आज मदर्स डे मनाया जा रहा है। मदर्स डे एक ऐसा दिन जिस दिन बच्चे अपनी मां के सम्मान के लिए उन्हें स्पेशल फील कराते हैं। मां का ऋण कोई भी कभी नहीं उतार सकता है, क्यों मां शब्द ही ऐसा है जिसमें बच्चों का पूरा संसार बसता है। प्रतिवर्ष मई माह के दूसरे रविवार को मातृत्व दिवस या मदर्स डे मनाते हैं। मां से उत्तम कोई शब्द नहीं है, मां स्वयं में महान है। मां शब्द का अर्थ सिर्फ और सिर्फ ममता का सागर होता है। हर व्यक्ति के जीवन में मां सबसे अहम होती है। मां के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। मां हमारी छोटी बड़ी जरूरतों से लेकर हर चीज का ख्याल रखती है, जिसका मोल कोई नहीं चुका सकता। वैसे तो प्रत्येक दिन मां को समर्पित होता है, लेकिन साल का एक दिन है जो पूर्ण रूप से मां को समर्पित होता है। इसे हम मदर्स डे रूप में मनाते हैं। मदर्स डे पहली बार आज से ठीक 111 वर्ष पहले सेलिब्रेट किया गया था। इस दिन के बाद से प्रत्येक वर्ष मई माह के दूसरे सप्ताह के रविवार को मातृत्व दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य मां के प्रति प्यार व स्नेह को व्यक्त करना है। मदर्स डे को शुरुआत करने का श्रेय जाता है अमेरिका की ऐना एम जारविस को, ऐना का जन्म अमेरिका के वेस्ट वर्जिनिया में हुआ, ऐना की मां अन्ना एक स्कूल टीचर थी। एक दिन स्कूल में बच्चों को पढ़ाते वक्त उन्होंने बताया कि एक दिन ऐसा आएगा जब मां के लिए एक दिन समर्पित किया जाएगा। ऐना की मां के निधन के बाद, ऐना और उसके दोस्तों ने एक अभियान शुरू किया, जिसमें मदर्स डे के दिन राष्ट्रीय छुट्टी हो ऐसा कहा गया। ऐना इसीलिए ऐसा करना चाहती थी ताकि बच्चे जब तक उनकी मां जिंदा हैं तब तक उनका सम्मान करें और उनके योगदान की सराहना करें। सबसे पहला मदर्स-डे 8 मई 1914 को अमेरिका में मनाया गया, तबसे आज तक मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है।
मदर्स डे आज : मां शब्द में बच्चों का पूरा संसार बसता है
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