भारत इतिहास रचने के लिए तैयार है। अब कुछ देर बाद ही चंद्रयान-3 चांद के उत्तरी ध्रुव पर उतरने के लिए तैयार है। आज भारत के 140 करोड़ लोगों में जोश है, उमंग है, गर्व का दिन है। आज हमारा भारत चंद्रमा की दुनिया में इतिहास लिखने जा रहा है। अब से कुछ देर बाद ही चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर उतरने के लिए तैयार है। एक ऐसा सपना जो देश के वैज्ञानिकों ने वर्षों पहले देखा था। चंद्रमा के संसार में एक ऐसी जगह जहां विश्व के तमाम देश जाने के लिए सोचते हैं। पूरे देशवासियों की निगाहें चंद्रयान-3 की सफलता पर लगी हुई है। 41 दिनों की यात्रा के बाद चंद्रयान-3 आज अपने मिशन पर पहुंच रहा है।
चंद्रयान 3 आज शाम 6.04 बजे चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड होगा। इसरो के इस महत्वाकांक्षी मिशन को लेकर पूरे देश में उत्साह है। चंद्रयान-3 की सफलता के लिए देशभर के मंदिरों में पूजा अर्चना और मस्जिदों में दुआ मांगी जा रही है। इसके लिए ISRO ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। देशभर में चंद्रयान-3 की सफलता के लिए हवन पूजन किया जा रहा है। एमपी का महाकाल हो या फिर अयोध्या का राम मंदिर सभी जगह चंद्रयान-3 की सफलता के लिए दुआएं की जा रही हैं। इसी कड़ी में केदारनाथ में भी पूजा अर्चना की जा रही है। बाबा केदार का जलाभिषेक कर चंद्रयान-3 सफलता की कामना की गई है। पूजा में बद्री केदार मंदिर समिति के अधिकारी और पुरोहित शामिल हुए हैं।
इससे पहले सीएम धामी ने भी इसरो के वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दी। हरिद्वार में बाबा रामदेव ने भी चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए यज्ञ किया। चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने का सीधा प्रसारण को इसरो की वेबसाइट, यूट्यूब चैनल और डीडी नेशनल पर दिखाया जाएगा। इसरो ने कहा कि सभी सिस्टम नॉर्मल हैं। बेंगलुरु ऑफिस में मिशन ऑपरेशन टीम की तैयारी पूरी है। 5:44 बजे जैसे ही लैंडर सही पोजिशन पर आएगा, टीम ऑटोमैटिक लैंडिंग सीक्वेंस (ALS) लॉन्च कर देगी। लैंडर के चांद पर उतरते ही रैंप खुलेगा और प्रज्ञान रोवर इससे चांद की सतह पर आएगा। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान एक-दूसरे की फोटो खींचेंगे और पृथ्वी पर सेंड करेंगे। अगर भारत इस मिशन में सफल रहा तो चांद के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश होगा।भारत से पहले अमेरिका, रूस और चीन चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। जहां पूरा देश चंद्रयान 3 लैंडर के चंद्रमा पर उतरने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, वहीं अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा ने बुधवार को कहा, इसरो के काम करने के तरीके को जानकर, मैं गर्व से कह सकता हूं कि चंद्रयान 3 की सुरक्षित लैंडिंग होगी।
खगोलशास्त्री डॉ आर.सी. कपूर ने कहा कि दुनिया और विभिन्न अंतरिक्ष एजेंसियां चंद्रयान पर नजर रख रही हैं। ISRO दुनिया की सर्वश्रेष्ठ अंतरिक्ष एजेंसियों में से एक है। हमें उम्मीद है कि हम सॉफ्ट लैंडिंग में सफल होंगे। इसके साथ ही इसरो चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग (सफल लैंडिंग) करने वाली चौथी एजेंसी बन जाएगी।

केंद्र सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग का सीधा प्रसारण दिखाने के लिए विशेष सभाएं आयोजित करने को कहा है। उच्च शिक्षा सचिव के संजय मूर्ति ने सभी शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों को लिखे एक पत्र में कहा है कि भारत के चंद्रयान-3 की लैंडिंग एक यादगार अवसर है, जो न केवल जिज्ञासा को बढ़ावा देगा, बल्कि हमारे युवाओं के मन में अन्वेषण के लिए जुनून भी जगाएगा। इससे गर्व और एकता की गहरी भावना पैदा होगी, क्योंकि हम सामूहिक रूप से भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी की ताकत का जश्न मनाएंगे।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने चंद्रयान मिशन पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मैं अपनी शुभकामनाएं देना चाहता हूं और प्रार्थना करता हूं कि चंद्रयान-3 चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करे। पूरा देश इंतज़ार कर रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है। मैं वैज्ञानिकों को प्रणाम करता हूं।
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर टपकेश्वर महादेव देहरादून द्वारा आज हरिद्वार में विशेष गंगा पूजन किया गया। चंद्रयान-3 की सफल चंद्र लैंडिंग के लिए राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह में प्रार्थना की गई। वहीं चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए लखनऊ के हनुमान मंदिर में शुरू हवन।
14 जुलाई को चंद्रयान-3 लॉन्च होने के बाद इसे चांद की सतह पर उतरने में 41 दिन का समय लगा है। चंद्रयान-3 चांद की सतह पर सीधा नहीं जा रहा है बल्कि यह पृथ्वी और चांद की कक्षाओं में चक्कर लगाता हुआ आगे बढ़ रहा है। भारत पहला देश है जिसने इस तकनीक का इस्तेमाल किया है। इसरो ने इस तकनीक का इस्तेमाल कर देश के करोड़ों रुपये भी बचाए हैं। इसे अगर आम भाषा में समझें तो चंद्रयान-3 जब पृथ्वी की कक्षा में पहुंचा तो वह उसी के साथ पृथ्वी के चारों ओर घूमने लगा। धीरे-धीरे इसकी कक्षा बढ़ाई गई। इसमें कम ईंधन खर्च हुआ। पृथ्वी के कक्षा से बाहर निकलने के बाद इसे चांद में कक्षा में पहुंचाया गया और धीर-धीरे इसे चांद की कक्षा में नीचे लाया गया।
पीएम नरेंद्र मोदी चंद्रयान-3 की लैंडिंग को देखने के लिए दक्षिण अफ्रीका में शुरू होने वाली ब्रिक्स समिट के बीच से ही जुड़ेंगे। बताया गया है कि पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विक्रम लैंडर की लैंडिंग देखेंगे और वैज्ञानिकों से बात भी करेंगे। इससे पहले चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने के लिए भी पीएम मोदी इसरो के कार्यालय पहुंचे थे।चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए अमेरिका के न्यू जर्सी के मोनरो में ओम श्री साईं बालाजी मंदिर और सांस्कृतिक केंद्र में प्रार्थना की गयी। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए अमेरिका के वर्जीनिया के एक मंदिर में हवन किया गया।
इस बीच चंद्रयान-3 मिशन पर इसरो के संस्थापक विक्रम साराभाई के बेटे कार्तिकेय साराभाई ने बताया, ‘यह एक बड़ा दिन है, यह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि इस ग्रह पर किसी के लिए भी इतनी सटीकता से इसे भेजने के लिए एक शानदार बात है जिसके साथ हम चंद्रयान -3 भेजने में सक्षम हुए हैं। वह भी एक ऐसी प्रक्रिया के माध्यम से जो दूसरों से अलग है. विज्ञान और इंजीनियरिंग में हम गलतियों से सीखते हैं। यह मानवता के लिए बहुत बड़ी बात होगी, क्योंकि चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर आज तक कोई नहीं उतर सका है।