संसद के मानसून सत्र की तारीख तय कर दी गई है। इसी महीने 20 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक सत्र आयोजित होगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शनिवार को यह जानकारी दी। संसद का मानसून सत्र हंगामेदार रहने की संभावना है, क्योंकि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रमुख विपक्षी दलों ने नरेंद्र मोदी नीत भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चेबंदी शुरू कर दी है। मानसून सत्र की शुरुआत पुराने संसद भवन में हो सकती है, लेकिन बीच में इसे नए संसद भवन में स्थानांतरित होने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो ये मानसून सत्र नई संसद के उद्घाटन के बाद से आयोजित होने वाला पहला सत्र होगा। बता दें कि मानसून सत्र में कई अहम बिल पेश हो सकते हैं। इनमें यूसीसी भी शामिल हो सकता है। इस पर पूरे देश की नजर हैं। कुछ दिनों पहले पीएम मोदी ने भोपाल में एक जनसभा के दौरान यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट को लेकर वकालत की थी। पूरे देश में यूसीसी को लेकर राजनीति गर्म है। संसद की नई इमारत का उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इस बार के मानसून सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद है। क्योंकि विपक्षी दल अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाने के लिए एकजुट हो रहे हैं। इसके अलावा संसद की बैठक ऐसे समय हो रही है, जब प्रधानमंत्री मोदी ने समान नागरिक संहिता की जोरदार वकालत की है और इस मुद्दे पर परामर्श बढ़ाने के कदम उठाए हैं। सत्र में सरकार ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश’ की जगह लेने के लिए विधेयक ला सकती है जो सेवा मामलों में दिल्ली सरकार को विधायी एवं प्रशासनिक नियंत्रण देने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले को निष्प्रभावी कर देगा। सरकार विधेयक को जल्द पारित कराने का प्रयास करेगी। राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) विधेयक को भी संसद में पेश किया जा सकता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले महीने एनआरएफ की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।