दिनांक:- 02 मई 2023
🌺 आज का पंचांग 🌺
दिन:-मंगलवार
युगाब्दः- 5125
विक्रम संवत- 2080
शक संवत -1945
अयन – सौम्यायण (उत्तरायण)
गोल – सौम्यायण (उत्तर गोल)
ऋतु – वसन्त
काल (राहु)- दक्षिण दिशा
मास – वैशाख
पक्ष – शुक्ल पक्ष
तिथि- द्वादशी
नक्षत्र – उ.फा.
योग – व्याघात
करण- बव
दिशा शूल- उत्तर दिशा में
🌞सूर्योदय:- 5:26
🌞पाक्षिक सूर्य— भरणी नक्षत्र में
🌹आनेवाला व्रत व विशेष:- प्रदोष त्रयोदशी व्रत- बुधवार ।
🌺आज का व्रत व विशेष:- एकादशी व्रत पारण कुशोदकेन ।
🌻🌸 सांस्कृतिक कोश🌸🌻
जानक के पुत्री होने के कारण सीता जी को जानकी कहा जाता है ।
🌓अर्धप्रहरा:- (दिन के) प्रातः के 7:08 से 8:46 एवं 1:39 से 3:16 बजे तक ।
🌚 राहु काल:- दिन के 3:12 से 4:50 बजे तक ।
🌺🌼आज का सुविचार🌼🌺
धैर्य एक कड़वा पौधा है पर इसमें फल सदैव मीठे ही आते हैं ।
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2 मई का राशिफल—–
मेष – आज आप कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे। जिससे भविष्य में लाभ होगा। आज घर में अशांति का वातावरण व्याप्त रहेगा। आज उच्च प्रतिष्ठित लोगों से संपर्क बनेंगे। दिन के मध्य का समय अनावश्यक कार्य में व्यतीत होगा। मौसमी बीमारी होने का योग है, सेहत को लेकर परेशान रह सकते हैं।
वृषभ- आज का दिन जातक का अस्त व्यस्त रहेगा। आकस्मिक हानि होने के कारण कार्यस्थल पर मन नहीं लगेगा, सलाह दी जाती है कि नकारात्मक विचारों को अपने ऊपर हावी न होने दें। जल्दबाजी में कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय न लें। प्रातःकाल जीवनसाथी से वाद-विवाद हो सकता है, बाद में स्थिति स्पष्ट होने पर पश्चाताप होगा। दिन के अंत में मानसिक तनाव बढ़ेगा। स्वास्थ्य में शिथिलता रहेगी।
मिथुन- आज का दिन जातक का व्यस्तता भरा रहेगा। दिनचर्या आज व्यवस्थित रहेगी। सभी कार्य समय पर पूर्ण कर लेंगे। आर्थिक रूप से आज का दिन अच्छा रहेगा। नौकरी पेशा वर्ग अपने से वरिष्ठ अधिकारी से किसी बात को लेकर नाराज रहेंगे। आज जातक का स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।
कर्क- आज का दिन जातक का ऊर्जा से भरा हुआ रहने वाला है। मनोबल मजबूत होने के कारण स्थिति हर प्रकार से आपके पकड़ में रहेगी। कार्य क्षेत्र पर सभी आपकी दूर दृष्टि की प्रसंशा करेंगे। आर्थिक दृष्टि से आज का दिन थोड़ा उतारचढ़ाव वाला रहेगा। जीवनसाथी के साथ श्याम के समय तीखी तकरार हो सकती है।
सिंह- आज के दिन जातक का झुकाव अध्यातम की ओर अधिक रहेगा। धार्मिक कार्यो में आस्था बढ़ेगी, पूजा-पाठ के लिए समय निकाल लेंगे मानसिक रूप से दृढ़ रहेंगे। आज कोई अटका हुआ कार्य आसानी से पूर्ण हो जाएगा। विरोधि परास्त होंगे। पुराने मित्र से फोन पर बातचीत होगी, जिससे मन प्रसन्न रहेगा। सिर दर्द से परेशान रहेंगे।
कन्या- जातक का मन उदास रहेगा। कार्य को करने की जल्दबाजी में हानि हो सकती है। सेहत में दिनभर उतार चढ़ाव लगा रहने से कार्य करने में उत्साह नही दिखाएंगे। नौकरी पेशा वर्ग की सहकर्मी के साथ कहासुनी हो सकती है। गलतफहमी के कारण पिता से बहस हो सकती है।
तुला- आज का दिन जातक का आर्थिक रूप से अच्छा रहने वाला है। दिन के मध्य में आकस्मिक धन लाभ हो सकता है। काम-काज में रुचि बढ़ेगी। पारिवारिक वातावरण शांत रहेगा। धर्म के प्रति आस्था बढ़ेगी। सेहत सामान्य रहेगी। आज शादी समारोह में सम्मलित हो सकते हैं।
वृश्चिक- आज के दिन जातक का अधिकांश समय यात्रा में व्यतीत होगा। शारीरिक रूप से चुस्त रहने का लाभ कार्य क्षेत्र पर मिलेगा। आज नये मित्र बनेंगे। आज भविष्य के लिए धन की बचत कर सकते हैं। उधार दिये हुए पैसे वापस मिलने का योग है। रिश्तेदारी में जाने की योजन बना सकते हैं। जीवनसाथी के साथ वैचारिक मतभेद हों सकते है।
धनु- आज के दिन जातक के मान सम्मान में वृद्धि होगी। कार्यस्थल पर सम्मान या पुरुस्कार भी प्राप्त कर सकते है। परिवार के साथ घूमने जाने का प्लान बनाएंगे। व्यावसायिक क्षेत्र में आपके विचार पसंद किए जाएंगे। आर्थिक रूप से दिन सामान्य रहेगा। घर का वातावरण प्रसन्नमय रहेगा।
मकर- आज के दिन व्यापार में वृद्धि होगी। कोई पुरानी सोची हुई योजना को क्रियान्वित करेंगे। परिवार का सहयोग और साथ प्राप्त होगा। वाणी पर नियंत्रण रखें अन्यथा अन्यथा भविष्य में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। आर्थिक रूप से दिन मजबूत रहेगा। आज वाहन खरीदने का योग है। आज परिवार के साथ डिनर घर से बाहर कर सकते हैं।
कुंभ- आज का दिन जातक का उतार चढ़ाव वाला रहने वाला है। स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही आपको परेशानी में डाल सकती है। स्वभाव में परोपकार की भावना रहेगी, लेकिन स्वार्थ सिद्धि भी रहेगी। आज महत्वपूर्ण कार्य समय पर पूर्ण न होने के कारण मानसिक तनाव महसूस करेंगे। शाम का समय दिन की अपेक्षा ठीक रहेगा। बच्चों के साथ किसी समारोह में शामिल हो सकते हैं। रात्रि के समय जीवनसाथी के साथ विवाद हो सकता है।
मीन- आज प्रातः काल का समय जातक का व्यस्तता भरा रहेगा, घर पर मेहमान के आने के योग है। घर की आवश्यक चीजों पर धन खर्च होगा। नौकरीपेशा जातक किसी कारण से कार्य स्थल से जल्दी घर आ जाएंगे। आज परिजनों से कहासुनी होना संभव है। किसी को न चाहकर भी आर्थिक मदद करनी पड़ेगी परिवार में चहल पहल बनी रहेगी।
अगर करना है हनुमान जी को प्रसन्न तो जरूर पढ़ें हनुमान चालीसा, जानें इसका लाभ—
प्रचलित हैं जिनके पराक्रम की अनगिनत गाथाएं, असीमित बल से परिपूर्ण हैं जिनकी भुजाएं, वो पराक्रमी और सबसे बुद्धिमान हैं, प्रभु श्रीराम के परम भक्त, वो हनुमान हैं। हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन सभी हनुमान भक्त पूरी श्रद्धा के साथ उनकी पूजा करते हैं। वैसे तो आप हनुमान जी को कई प्रकार के उपाय करके प्रसन्न कर सकते हैं। लेकिन सबसे आसान उपाय है, हनुमान चालीसा का पाठ करना। यदि आप हनुमान चालीसा का पाठ श्रद्धा के साथ करते हैं तो आपके सारे काम बन सकते हैं…
हिंदू धर्म में हनुमान चालीसा का बड़ा ही महत्व माना गया है। ऐसी मान्यता है कि अगर कोई भक्त हनुमान चालीसा को रात के समय पढ़े, तो हनुमान जी स्वयं आकर उसकी रक्षा करते हैं। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि ग्रह भी शांत रहता है। हम सभी को बचपन से ही यह सिखाया गया है कि अगर मन अशांत है या किसी प्रकार भय है तो हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
मान्यता है कि रात के समय हनुमान चालीसा का 100 बार पाठ करने से, पापों से मुक्ति मिल सकती है। हनुमान चालीसा को आराम से पढ़ने में लगभग दस मिनट का समय लगता है। अगर हम प्रतिदिन अपनी दिनचर्या में से मात्र दस मिनट हनुमान चालीसा के पाठ के लिए निकाल लें, तो हम हर प्रकार के भय से मुक्त हो सकते हैं…
हनुमान चालीसा:
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
चौपाई :
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।
संकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन।।
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।।
दोहा :
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।