Kishtwar Tragedy मचैल माता यात्रा पर दर्दनाक त्रासदी : किश्तवाड़ के चशोटी में बादल फटा, श्रद्धालुओं के टेंट-बसें बहीं, 52 की मौत, सैकड़ों लापता, रेस्क्यू जारी, वीडियो - Daily Lok Manch
August 16, 2025
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Kishtwar Tragedy मचैल माता यात्रा पर दर्दनाक त्रासदी : किश्तवाड़ के चशोटी में बादल फटा, श्रद्धालुओं के टेंट-बसें बहीं, 52 की मौत, सैकड़ों लापता, रेस्क्यू जारी, वीडियो




पिछले दिनों मंगलवार, 5 अगस्त उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित धराली में बादल फटने के बाद आई तबाही के जख्म आज 14 अगस्त को एक बार फिर ताजा हो गए। यह दर्दनाक हादसा एक ऐसी जगह हुआ जहां पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु मचैल माता यात्रा की तैयारी कर रहे थे। उसी दौरान बादल फटने के बाद आया सैलाब सैकड़ों श्रद्धालुओं को बहा ले गया । यह दर्दनाक हादसा जम्मू के किश्तवाड़ जिले में हुआ।

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चंद मिनटों में आपदा सब कुछ बहा ले गई। यह भयावह मंजर देख धराली की तस्वीर फिर सामने आ गई। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पड्डर सब-डिवीजन के चशोटी गांव में आज गुरुवार दोपहर वह क्षण आया, जब आस्था की राह पर बढ़ते कदम अचानक मातम में बदल गए।

मचैल माता यात्रा का पहला पड़ाव। जहां हर ओर भक्ति गीत, लंगरों की महक और श्रद्धालुओं की भीड़ थी। कुछ ही पलों में चीख-पुकार और तबाही का मंजर बन गया।

 



किश्तवाड़ के चशोटी गांव में गुरुवार दोपहर 12:30 बजे बादल फटा। कई लोग पहाड़ से आए पानी और मलबे की चपेट में आ गए। हादसे में अब तक 52 लोगों की मौत हो गई है। अब तक 65 लोगों को बचाया गया है। करीब 200 से ज्यादा लोग लापता हैं। 120 से ज्यादा घायल हैं। 

आसमान से बरसे मौत के बादल ने न सिर्फ श्रद्धालुओं के टेंट, बसें और दुकानों को बहा दिया, बल्कि उस अनगिनत सपनों को भी लील लिया जो माता मचैल के दर्शन की आस में यहां पहुंचे थे। आंखों में माता के दर्शन का सपना लिए लोग, अचानक बहते पानी में गुम हो गए। चंद मिनटों में आया भीषण सैलाब 42 जिंदगियों को निगल गया, जबकि सैकड़ों अब भी लापता हैं। रेस्क्यू अभियान जारी है।


धराली, उत्तरकाशी में 5 अगस्त को बादल फटने की जो तस्वीरें अभी धुंधली भी नहीं हुई थीं, वे आज फिर आंखों के सामने ताजा हो गईं। रेस्क्यू टीमें मलबे और पानी के बीच जिंदगी तलाशने में जुटी हैं, लेकिन हर गुजरते पल के साथ उम्मीद और दर्द के बीच की दूरी बढ़ती जा रही है।श्रद्धा और त्रासदी का यह संगम एक बार फिर यह सवाल छोड़ गया है। क्या तीर्थ की ओर बढ़ते इन मासूम कदमों को हम सुरक्षित पहुंचा पाएंगे?





इस आपदा पर पीएम मोदी, अमित शाह और उमर अब्दुल्ला समेत तमाम नेताओं ने गहरा दुख जताया


जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोटी गांव में मचैल माता यात्रा के दौरान बादल फटने से हुई भीषण त्रासदी पर देशभर में शोक की लहर है। हादसे में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लापता हैं। इस दर्दनाक घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि प्रभावित परिवारों के साथ उनकी संवेदनाएं हैं और हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

Satellite foutage


गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस हादसे को अत्यंत दुखद बताते हुए ट्वीट किया कि केंद्र सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और एनडीआरएफ व अन्य राहत बलों को हर जरूरी सहायता के लिए निर्देश दिए गए हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी गहरी संवेदना जताई। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से आई तबाही के कारण कई लोगों की मौत और कईयों के लापता होने की ख़बर बेहद दुखद है।मैं प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और लापता लोगों के जल्द मिलने की आशा करता हूं। प्रशासन से आग्रह है कि राहत और बचाव कार्यों में तेज़ी लाएं। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि प्रशासन का सहयोग और ज़रूरतमंदों की हरसंभव मदद करें।

त्रासदी की तस्वीरें

हादसे में मारे गए लोगों के शव एंबुलेंस और अन्य वाहनों में ले जाए जा रहे हैं।
ये बादल फटने के बाद चशोटी गांव का फुटेज है। ऊपर से बाढ़ के साथ मलबा नीचे आया।
चशोटी गांव में गुरुवार को बादल फटने के बाद मलबे में कई घर बह गए।

 

उन्होंने कहा कि यह त्रासदी पूरे जम्मू-कश्मीर के लिए पीड़ा का क्षण है और वे प्रभावित परिवारों के दुख में बराबर के भागीदार हैं।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने  कहा कि “किश्तवाड़ में इस भयावह बादल फटने की त्रासदी से मैं अत्यंत दुःखी हूँ। प्रभावित परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएँ हैं, मेरी प्रार्थनाएँ घायल एवं लापता लोगों के लिए हैं।” नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूँ कि वे ग्लोबल वार्मिंग के खतरों को गंभीरता से लें।

हादसे में घायल लोग, उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में लाया गया।

 

पहाड़ी इलाकों में ऐसी घटनाएँ अब आम होती जा रही हैं । हमें इसका समुचित समाधान निकालना होगा। वहीं, कई अन्य केंद्रीय और राज्य नेताओं ने भी सोशल मीडिया और बयानों के माध्यम से मृतकों के प्रति श्रद्धांजलि दी और घायलों के इलाज व राहत कार्यों में तेजी लाने की अपील की।

चशोटी गांव में बादल फटने के बाद स्थानीय लोगों ने घायलों को रेस्क्यू किया।



वहीं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किश्तवाड़ में बादल फटने के बाद हुई जनहानि के बाद शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान होने वाली ऐट होम चाय पार्टी और सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।

होजर गांव में CISF के जवान समेत 17 लोगों को बचाया, देखें फोटोज

किश्तवाड़ में मौजूद है मंदिर

मचैल माता देवी दुर्गा का एक मंदिर है, जिसे मचैल माता के नाम से भी जाना जाता है। यह धार्मिक स्थल जम्मू के किश्तवाड़ जिले के मचैल गांव में मौजूद है। गौरतलब है कि यहां मौजूद देवी दुर्गा को काली या चंडी के नाम से भी जाना जाता है।

 



क्या है मंदिर का इतिहास: मंदिर का इतिहास ज़ोरावर सिंह कहलूरिया की विजयों से जुड़ा है। उन्होंने साल 1834 में लद्दाख के स्थानीय बोटिस की सेना को हराने के लिए 5000 सैनिकों के साथ पहाड़ों और सुरू नदी (सिंधु) को पार करने से पहले मचैल माता का आशीर्वाद लिया था।

 



सफल अभियान के बाद वे उनके भक्त बन गए। मचैल माता मंदिर पहाड़ियों, ग्लेशियरों और चिनाब नदी (चद्रभागा) की सहायक नदियों के साथ बेदाग सुंदरता को भी दर्शाता है। यह क्षेत्र भोट समुदाय और ठाकुर समुदाय का निवास स्थान है, जो नाग पूजक हैं और महाराजा रणबीर सिंह द्वारा इसे किश्तवाड़ तहसील में मिला दिया गया था।

 



दर्शन के लिए आते हैं हजारों लोग

हर साल हजारों लोग, खासकर जम्मू क्षेत्र से, इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। यह तीर्थयात्रा हर साल अगस्त के महीने में ही शुरू होती है। साल 1981 में भद्रवाह, जम्मू क्षेत्र के ठाकुर कुलवीर सिंह इस मंदिर के दर्शन के लिए आए थे। 1987 से, ठाकुर कुलवीर सिंह ने ‘छड़ी यात्रा’ शुरू की। यह यात्रा हर साल होती है। बता दें कि मचैल माता तीर्थयात्रा हर साल अगस्त में होती है।

 

इसमें हजारों श्रद्धालु आते हैं। यह 25 जुलाई से 5 सितंबर तक चलेगी। यह रूट जम्मू से किश्तवाड़ तक 210 किमी लंबा है और इसमें पद्दर से चशोटी तक 19.5 किमी की सड़क पर गाड़ियां जा सकती हैं। उसके बाद 8.5 किमी की पैदल यात्रा होती है।

किश्तवाड़ आपदा: एक बच्चे को रेक्स्यू किया गया, फोटो सामने आई

चशोटी गांव रेस्क्यू टीम ने एक बच्चे को रेक्स्यू किया गया। उसकी फोटो सामने आई। मेडिकल टीम ने बताया कि बच्चे की हालत स्थिर है। उसे मामूली चोटे आई हैं। इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है।

 

प्रशासन ने कंट्रोल रूम और हेल्प डेस्क बनाया, इन नंबर पर करें कॉल

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने किश्तवाड़ में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ के बाद प्रभावित लोगों और तीर्थयात्रियों की मदद के लिए कंट्रोल रूम cum हेल्प डेस्क स्थापित किया है। अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में 17 लोगों की मौत हो चुकी है और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। कंट्रोल रूम पड्डर में बनाया गया है, जो चिशोती गांव से करीब 15 किलोमीटर दूर है, जहां यह आपदा आई थी।

कंट्रोल रूम के लिए 4 अधिकारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है। सहायता के लिए ये नंबर जारी किए गए हैं।

9858223125, 6006701934, 9797504078, 8492886895, 8493801381, 7006463710

इसके अलावा, जिला कंट्रोल रूम के नंबर 01995-259555 और 9484217492 हैं, जबकि किश्तवाड़ पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर 9906154100 है।

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