देश का सबसे हाईटेक और लंबा दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे आज से शुरू हो गया। दिल्ली एनसीआर से राजस्थान सड़क मार्ग से जाने वाले वाहन सवारों को बड़ी सौगात मिली है। यह एक्सप्रेस में पहले चरण में गुरुग्राम के पास सोहना से शुरू होकर दौसा के लालसोट तक शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार दोपहर करीब 3 बजे राजस्थान के दौसा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम में 18,100 करोड़ रुपये से अधिक की सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी। पीएम ने कहा कि ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में भारत आज सबसे ज्यादा काम कर रहा है। इस आधुनिक कनेक्टिविटी का लाभ सरिस्का टाइगर रिजर्व, केवलादेव और रणथम्भोर नेशनल पार्क, जयपुर, अजमेर जैसे अनेक पर्यटक स्थलों को भी होगा। पीएम मोदी ने कहा कि आज एक्सप्रेसवे के पहले चरण में दिल्ली-दौसा-लालसोट हिस्से का लोकार्पण हुआ है, जिससे दौसा, अलवर, टोंक, बूंदी और टोंक को लाभ मिलेगा। इससे दिल्ली आना-जाना बहुत आसान होगा. दिल्ली जैसे बड़े बाजार तक दूध-सब्जी और फल समेत उत्पाद पहुंचाना किसानों के लिए आसान हो जाएगाा। मैं आप सभी को प्रगति पथ की बहुत बधाई देता हूं। पीएम का कहना था कि इस एक्सप्रेसवे के बनने से अब जयपुर पहुंचने में आधा वक्त लगेगा। पहले 5-6 घंटे लगते थे। इससे समय की बचत होगी। अब दिल्ली में कारोबार करने वाले लोग भी आसान से शाम को अपने घर पहुंच सकते हैं। छोटे किसान से लेकर दूध सब्जी भी दिल्ली ले जाकर बेच सकते हैं। इस एक्सप्रेसवे के आसपास ग्रामीण हाट बनाए जा रहे हैं। हरियाणा, एमपी, गुजरात, महाराष्ट्र के कई जिलों को लाभ मिलेगा। हरियाणा के मेवात और राजस्थान के दौसा जिले के गांव वालों को लाभ मिलेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक्सप्रेसवे के बन जाने से देश-विदेश के पर्यटकों के लिए राजस्थान का आकर्षण और बढ़ जाएगा। एक परियोजना जयपुर से कनेक्टिविटी देने वाली का शिलान्यास हुआ है। इसके साथ ही हरियाणा, पंजाब और जम्मू कश्मीर से आने वाली गाड़ियां महाराष्ट्र तक जा सकेंगी। पश्चिम भारत को बंदरगाहों से जोड़ेंगे। अनेक प्रकार के उद्योगों के लिए नई संभावनाएं भी बनना शुरू हो जाएंगी। इस एक्सप्रेसवे को पीएम गतिशक्ति को भी मजबूती मिल रही है। अतिरिक्त जमीन को वेयरहाउस और सौर ऊर्जा के लिए उपयोग किया जाएगा। हम सक्षम और समृद्ध भारत बना रहे हैं।
राजस्थान के दौसा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पिछले 9 वर्षों से, केंद्र सरकार लगातार बुनियादी ढांचे में भारी निवेश कर रही है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर राजस्थान और देश के लिए प्रगति के दो मजबूत स्तंभ बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा,‘‘दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित करते हुए मुझे बहुत गर्व हो रहा है। यह देश के सबसे बड़े एवं सबसे आधुनिक एक्सप्रेसवे में से एक है। यह विकसित होते भारत की एक और भव्य तस्वीर है।” पीएम मोदी ने आगे कहा कि, जब ऐसी आधुनिक सड़कें, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, मेट्रो बनते हैं तो देश की प्रगति होती है। उन्होंने कहा कि, इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाला निवेश, दूसरे तरह के निवेश को भी आकर्षित करता है। उन्होंने यह भी कहा, इस साल के बजट में हमने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 10 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। यह राशि 2014 में प्रावधानित राशि का पांच गुना है और इस निवेश से राजस्थान को काफी फायदा होने वाला है।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड 246 किलोमीटर लंबा है, जिसे 12,150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। इस खंड के चालू हो जाने से दिल्ली से जयपुर का यात्रा समय पांच घंटे से कम होकर लगभग साढ़े तीन घंटे रह जाएगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा, जिसकी कुल लंबाई 1,386 किलोमीटर है। इसके बन जाने से दिल्ली और मुंबई के बीच की यात्रा दूरी में 12 प्रतिशत की कमी आएगी। यात्रा के समय में भी 50 प्रतिशत की कमी आयेगी। पहले जहां यात्रा में 24 घंटे लगते थे, वहीं अब 12 घंटे लगेंगे। यह एक्सप्रेस-वे (Delhi Mumbai Expressway) छह राज्यों- दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और गजेंद्र सिंह शेखावत मौजूद थे।