फिलिस्तीन के आतंकी संगठन से जुड़े कट्टरपंथी अब जरूर सोच रहे होंगे कि हमने इजराइल को छेड़ कर बड़ी गलती की है। चार दिन पहले 7 अक्टूबर को हमास के आतंकियों ने गाजा में कहर मचाया था। हमास के इस आतंकी हमले में कई इजरायलों को मौत के घाट उतार दिया गया। हमास के आतंकवादियों ने यह हमला बहुत ही गुप्त और धोखे से किया। अब उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। हमास के इस क्रूरता भरे हमले का इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू करारा जवाब दे रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि फिलीस्तीन के बाद बीच जारी इस जंग में इजराइल को दुनिया के तमाम देशों का समर्थन भी मिल रहा है। जिसमें भारत, अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, यूक्रेन समेत तमाम देश इजराइल के साथ खड़े हुए हैं। हमास के रॉकेट हमले का जवाब अब इजरायल अपनी एयरस्ट्राइक से दे रहा है। इस बीच इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने इस महले को हमास की सबसे बड़ी गलती बताते हुए कड़ी चेतावनी दी है। इसराइल ने हमास के घर गाजि को खाक में मिलाना शुरू कर दिया है। फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले के बाद फिलिस्तीन और इजरायल के बीच बड़े पैमाने पर जंग छिड़ गई है।


इजरायल की सेना गाजा पट्टी और हमास के ठिकानों पर कहर बरपा रही है। इसी बीच इस्लामिक दुनिया ने एक बड़ा कदम उठाया है। गज में सैकड़ों बिल्डिंग इजराइल सेवा के हमले से जमींदोज हो गई है।
हमास के खिलाफ जंग के चौथे दिन इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया। इस दौरान उन्होंने PM मोदी को जंग के बारे में पूरी जानकारी दी। इसके बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा- भारत के लोग इस मुश्किल घड़ी में इजराइल के साथ हैं। हम हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ हैं।

जंग के बीच नेतन्याहू ने कहा कि हमास ने हम पर हमले कर बड़ी गलती की है। हम इसकी ऐसी कीमत वसूलेंगे, जिसे हमास और इजराइल के बाकी दुश्मनों की पीढ़ियां दशकों तक याद रखेंगी।
नेतन्याहू ने कहा- हम युद्ध नहीं चाहते थे। हम पर बहुत क्रूर तरीके से यह थोपा गया। हमने भले ही युद्ध शुरू नहीं किया, लेकिन इसका अंत हम ही करेंगे। इजराइल सिर्फ अपने लोगों के लिए नहीं बल्कि बर्बरता के खिलाफ खड़े हर देश के लिए लड़ रहा है। समाचार एजेंसी एपी की ही एक रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिम देश मिस्र और यूएई ने भी सोमवार को इजरायल और फिलिस्तानी आतंकी संगठन हमास के बीच जारी जंग पर बात की है।

मिस्र के राष्ट्रपति कार्यलय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने हिंसा को कम करने, नागरिकों की रक्षा करने और खून-खराबा बंद करने के उद्देश्य से राजनयिक प्रयासों को आगे बढ़ाने के महत्व पर सहमति व्यक्त की है। बयान में कहा गया है कि ऐसे प्रयासों में न्यायपूर्ण और स्थायी शांति स्थापित करने का मुद्दा भी शामिल होना चाहिए।
7 अक्टूबर से शुरू हुई इस जंग में अब तक कुल 1,665 लोगों की मौत हो चुकी है। इजराइल में 900 लोग मारे गए हैं, जबकि 2300 लोग घायल हैं। वहीं गाजा पट्टी में 140 बच्चों, 120 महिलाओं समेत 765 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। 3,726 लोग घायल भी हुए हैं। इसके अलावा इजराइल की सेना ने अपने क्षेत्र में हमास के 1500 लड़ाकों को भी मार गिराया है।