कर्नाटक में एक बार फिर से मुख्यमंत्री बदलने की अटकलें तेज हो गई हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने लीडरशिप बदलने की अटकलों को ‘बेवजह की बहस’ करार दिया। जब सिद्दारमैया से पूछा गया कि क्या वह पांच साल तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे तो उन्होंने कहा कि यह बेवजह की बहस है।
कर्नाटक में एक बार फिर से मुख्यमंत्री बदलने की अटकलें तेज हो गई हैं। उपमुख्यमंत्री शिवकुमार के खेमे के विधायक समय-समय पर उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग करते रहते हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने लीडरशिप बदलने की अटकलों को ‘बेवजह की बहस’ करार दिया और अटकलों को कैबिनेट फेरबदल से जोड़ने की कोशिश की।
मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा कि कैबिनेट फेरबदल को लेकर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व फैसला लेगा, क्योंकि कुल 34 मंत्री पदों में से दो पद खाली हैं जिन्हें कैबिनेट फेरबदल के दौरान भरा जाएगा।
जब सिद्दारमैया से पूछा गया कि क्या वह पांच साल तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे तो उन्होंने कहा, ”यह बेवजह की बहस है। जब यह कहा गया कि ढाई साल बाद कैबिनेट में फेरबदल किया जा सकता है तभी मुख्यमंत्री बदलने की बात सामने आई। पार्टी नेताओं को कैबिनेट में फेरबदल पर फैसला लेने की जरूरत है। कुछ 34 मंत्री पद हैं, जिनमें से दो पद खाली हैं। इन खाली मंत्री पदों को कैबिनेट में बदलाव के दौरान फरा जाएगा।’
चामराजनगर का दौरा करते हुए सिद्दारमैया ने कहा कि उनकी सत्ता सुरक्षित है और लोगों से किए गए वादों को पूरा करने के लिए ईमानदारी से कोशिश की जा रही है। यह एक पुरानी गलतफहमी है कि राज्य का कोई भी मुख्यमंत्री, जो चामराजनगर का दौरा करता है वह कुछ समय बाद अपना पद खो देता है। हालांकि, सिद्दारमैया ने इन अटकलों पर विराम लगाते हुए इन्हें अंधविश्वास करार दिया।

