राम मंदिर के ध्वजारोहण समारोह पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा की गई टिप्पणी को भारत ने सख्ती से खारिज कर दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान जैसे देश, जिसका इतिहास कट्टरता, दमन और अल्पसंख्यकों के साथ व्यवस्थित दुर्व्यवहार से भरा हुआ है, को किसी अन्य देश पर टिप्पणी करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
जायसवाल ने कहा, “हमने कथित टिप्पणियों को देखा है और उन्हें पूरी तरह से खारिज करते हैं। कट्टरता, दमन और अल्पसंख्यकों के साथ व्यवस्थित दुर्व्यवहार के गहरे दागदार रिकॉर्ड वाले देश के रूप में, पाकिस्तान के पास दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक आधार नहीं है।” उन्होंने आगे जोड़ा कि पाकिस्तान को अपने “पाखंडी उपदेश” देने के बजाय अपने ही मानवाधिकार रिकॉर्ड और उत्पीड़न की समस्याओं की ओर ध्यान देना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर वैदिक मंत्रोच्चार और ”जय श्री राम” के नारों की गूंज के बीच भगवा ध्वज फहराया। इस अनुष्ठान के साथ ही मंदिर का निर्माण औपचारिक रूप से पूरा हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर भगवान श्रीराम और मां सीता की ‘विवाह पंचमी’ के अभिजीत मुहूर्त पर तिकोने झंडे का आरोहण किया

