हमारे देश की समुद्री इलाकों की सुरक्षा में सेना के जवान सीना तानकर चट्टान की तरह खड़े हुए हैं। समुद्री तटवर्ती के हालात कैसे भी क्यों न हो लेकिन यह बहादुर सैनिक हमेशा मुस्तैद निगरानी करने में लगे रहते हैं। एक प्रकार से कहें समुद्र ही इनकी ड्यूटी का हिस्सा है। आज हम एक ऐसी भारतीय सेना की बात करेंगे जिसकी देश की सुरक्षा करने में हमेशा से महत्वपूर्ण भूमिका है। यही नहीं जब-जब भारत पर सुरक्षा की आंच आई तो इस सेना ने आगे बढ़कर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब भी दिया । देश की सुरक्षा के लिए इसकी सैन्य ताकत का बहुत अहम हिस्सा है। यह देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा में अहम भूमिका निभाती है। भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में भी बड़ा योगदान है। हम बात कर रहे हैं भारतीय नौसेना की। आज 4 दिसंबर है। हर साल इसी तारीख को नौसेना दिवस (नेवी डे) मनाया जाता है। इस दिन नौसेना की देश के लिए सुरक्षा, योगदान और बहादुरी को लेकर याद किया जाता है। आइए जानते हैं नौसेना दिवस क्यों मनाया जाता है। इस दिन नौसेना के जांबाजों को याद किया जाता है। नेवी डे 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय नौसेना की जीत के जश्न के रूप में मनाया जाता है। पाकिस्तानी सेना ने 3 दिसंबर साल 1971 को हमारे हवाई क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र में हमला किया था। इस हमले ने 1971 के युद्ध की शुरुआत की थी। पाकिस्तान को मुह तोड़ जवाब देने के लिए ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ चलाया गया। यह अभियान पाकिस्तानी नौसेना के कराची स्थित मुख्यालय को निशाने पर लेकर शुरू किया गया। एक मिसाइल नाव और दो युद्ध-पोत की एक आक्रमणकारी समूह ने कराची के तट पर जहाजों के समूह पर हमला कर दिया। इस युद्ध में पहली बार जहाज पर मार करने वाली एंटी शिप मिसाइल से हमला किया गया था। इस हमले में पाकिस्तान के कई जहाज नेस्तनाबूद कर दिए गए थे। इस दौरान पाकिस्तान के ऑयल टैंकर भी तबाह हो गए थे। इस ऑपरेशन की सफलता को ध्यान में रखते हुए 4 दिसंबर को हर साल नौसेना दिवस मनाया जाता है।
1612 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने समुद्र और जहाजों की सुरक्षा के लिए गठित की थी सेना–
भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी ने सर्वप्रथम इस सेना को गठित किया था। भारतीय नौसेना, भारतीय सेना का एक समुद्री हिस्सा है, जिसे 1612 में स्थापित किया गया । ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने जहाजों की सुरक्षा के लिए समुद्री सेना के रूप में एक सेना का गठन किया। जिसे बाद में रॉयल इंडियन नेवी का नाम दिया गया। भारत की स्वतंत्रता के बाद, नौसेना को वर्ष 1950 में फिर से गठित किया गया और इसका नाम बदल कर भारतीय नौसेना कर दिया गया। वर्तमान में भारतीय नौसेना दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी नौसेना है, जिसके पास विमानवाहक पोत आईएनएस विराट सहित 155 से अधिक जहाज हैं और दो हजार से अधिक मैरीन कमांडो हैं। भारतीय नौसेना ने साल 1961 में गोवा से पुर्तगालियों को खदेड़ने में अहम भूमिका निभाई । नौसेना देश में मुंबई, विशाखापत्तनम, केरल, गोवा के साथ भारत के समुद्री इलाकों में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। बता दें कि 4 दिन पहले 30 नवंबर को भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार को बनाया गया है ।आओ आज नेवी डे पर भारतीय नौसैनिकों की शक्ति और जांबाजी को याद करें।