गुरुवार 31 अगस्त को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में दो दिवसीय “इंडिया गठबंधन” दलों की बैठक से ठीक 1 दिन पहले आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने बड़ा एलान किया है। मायावती ने साफ कर दिया है कि आगामी लोकसभा और विधनासभा चुनाव बीएसपी अकेले लड़ेगी। मायावती ने उस सभी अटकलों को खारिज कर दिया है जिसमें उनके विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA या भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए किसी एक में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे। मायावती के इस एलान के बाद विपक्षी गठबंधन दलों में हलचल मच गई है। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती इंडिया गठबंधन दल में शामिल हो सकती हैं। लेकिन आज बसपा सुप्रीमो उन्हें स्पष्ट कर दिया कि वह साल 2024 में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेंगी।
मायावती ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘एनडीए व इंडिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं जिनकी नीतियों के विरोध में बीएसपी संघर्ष कर रही है। इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज।
मायावती ने कहा कि बीएसपी, विरोधियों के जुगाड/जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे/बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनके गठबंधन से सन 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा तथा चार राज्यों में विधानसभा का आमचुनाव लडे़गी। मीडिया बार-बार भ्रान्तियां न फैलाए।
वैसे तो बीएसपी से गठबंधन के लिए यहां सभी आतुर, किन्तु ऐसा न करने पर विपक्षी द्वारा खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं। इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर न मिलें तो भाजपाई। यह घोर अनुचित तथा अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसी। बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को इमरान मसूद को पार्टी से बाहर कर दिया। उन पर अनुशासनहीनता का आरोप है। मायावती ने बुधवार को कहा- BSP से निकाले जाने पर सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस और उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं, जिससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों? फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे?