यूपी विधानसभा चुनाव के सातवें चरण में कई बाहुबली नेता भी ताल ठोक रहे हैं। इनमें से कुछ तो जेल में रहकर चुनाव लड़ रहे हैं। वैसे यूपी के इससे पहले हुए 6 चरणों के चुनाव में भी कई बाहुबली मैदान में उतरे हैं। लेकिन इस बार यूपी के पूर्वांचल के बाहुबली नेता भी ‘माननीय’ बनने के लिए छटपटा रहे हैं। सातवें चरण के चुनाव में यह बाहुबली नेता अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। पूर्वांचल के बाहुबली नेताओं की असल परीक्षा भी इसी फेज में है। मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी और बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह मैदान में हैं तो माफिया धनंजय सिंह और विजय मिश्रा जैसे नेता भी इसी चरण में चुनाव लड़ रहे हैं। जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की मऊ सदर विधानसभा सीट पर बेटे अब्बास अंसारी अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए सपा गठबंधन के तहत सुभासपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। जौनपुर जिले की मल्हनी विधानसभा सीट पर सभी की नजरें हैं। मल्हनी सीट पर पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह और सपा विधायक लकी यादव आमने-सामने हैं। धनंजय सिंह जेडीयू के टिकट पर मैदान में हैं । भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा से लगातार चार बार के विधायक बाहुबली विधायक विजय मिश्रा इस बार जेल से चुनावी मैदान में हैं। आगरा जेल में बंद विधायक विजय मिश्रा प्रगतिशील मानव समाज पार्टी से प्रत्याशी हैं। ऐसे ही चंदौली जिले की सैयदराजा विधानसभा सीट पर बीजेपी ने बाहुबली बृजेश सिंह के भतीजे विधायक सुशील सिंह को मैदान में उतारा है। वो चौथी बार चुनाव लड़ रहे हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में सपा की असल परीक्षा होनी है, लेकिन जिले में सभी की निगाहें फूलपुर पवई सीट पर है। 2017 में इस सीट पर बीजेपी से अरुणकांत यादव विधायक बने थे, लेकिन इस बार उनके पिता पूर्व सांसद रमाकांत यादव सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वाराणसी की पिंडरा विधानसभा सीट पर भाजपा विधायक अवधेश सिंह दूसरी बार मैदान में हैं लेकिन इस सीट पर सबकी निगाहें कांग्रेस प्रत्याशी बाहुबली अजय राय को लेकर टिकी हुई हैं।
