(UP Hathras former electricity Minister ramveer Upadhyay dies) : राजनीति के क्षेत्र में आज जनपद हाथरस को बड़ी क्षति हुई। हाथरस के जन-जन के नेता नेता रामवीर उपाध्याय हमेशा के लिए बिछड़ गए। आगरा के एक अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार रात उत्तर प्रदेश के पूर्व ऊर्जा मंत्री और भाजपा नेता रामवीर उपाध्याय का निधन हो गया। उनके निधन की जानकारी पाकर समूचे हाथरस क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई । हाथरस शहर में बने रामवीर उपाध्याय के आवास पर रात से ही हजारों की संख्या में भीड़ जुटने लगी। रामवीर उपाध्याय जमीनी नेता थे, हाथरस ही नहीं बल्कि आगरा, मथुरा, अलीगढ़, एटा समेत तमाम जिलों के लोगों से उनका बहुत लगाव था। हाथरस शहर में स्थित उनका घर हमेशा लोगों के लिए खुला रहता था। किसी प्रकार की छोटी-मोटी समस्याओं के लिए लोग रामवीर उपाध्याय के घर पर पहुंच जाते थे। रामवीर भी किसी को निराश नहीं करते थे सभी की समस्याओं को तत्काल निराकरण कर देते थे। हाथरस से निकले रामवीर उपाध्याय ने सियासत के क्षेत्र में बड़ी पहचान बनाई। हाथरस की जनता अपने प्रिय नेता की आकस्मिक मृत्यु से शोक में है । “90 के दशक में अपनी सियासी पारी शुरू करने वाले रामवीर उपाध्याय ने हाथरस को जिला बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई”। हाथरस से कुछ दूर गांव बामोली में 1 अगस्त 1957 को रामवीर उपाध्याय का जन्म हुआ था। उन्होंने शुरुआती पढ़ाई हाथरस जिले में की फिर एलएलबी करने के बाद मेरठ और गाजियाबाद में वकालत की। उसके बाद वे हाथरस में आ गए और राजनीति में सक्रिय हो गए। 1991 के चुनाव से पहले वे क्षेत्र में सक्रिय हुए। 1996 में वह हाथरस से बीएसपी की टिकट पर चुनाव लड़े, जीते और पहली ही बार में मायावती के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बने। उसके बाद रामवीर उपाध्याय साल 2002 और 2007 में हाथरस से ही बसपा के टिकट पर चुने गए। साल 2012 में हाथरस की सिकंदराराऊ सीट से बसपा के टिकट पर विधायक बने। उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार में हर बार रामवीर उपाध्याय ने ऊर्जा मंत्रालय संभाला। साल 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्होंने हाथरस की सादाबाद सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते। साल 2022 विधानसभा चुनाव से पहले रामवीर उपाध्याय ने भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा में उन्हें सादाबाद से टिकट दिया। लेकिन वह हार गए। उन्हें सपा रालोद गठबंधन के प्रत्याशी प्रदीप चौधरी ने हरा दिया। चुनाव के दौरान वे बीमार चल रहे थे। वे कैंसर से पीड़ित थे।
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शुक्रवार रात आगरा के अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद रामवीर उपाध्याय ने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनकी पत्नी पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय हाल ही में बीजेपी में शामिल हुई हैं जो जिला पंचायत की अध्यक्ष है। उसके बाद उन्हें बीएसपी से निष्कासित कर दिया गया, जिसके बाद उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली। सीमा उपाध्याय साल 2009 में आगरा की फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव जीती थी। उन्होंने सपा प्रत्याशी और फिल्म अभिनेता राज बब्बर को हराया था। रामवीर उपाध्याय के एक बेटे और दो बेटी हैं। वहीं उनके तीन छोटे भाई विनोद उपाध्याय, मुकुल उपाध्याय और नकुल उपाध्याय हैं। एक समय उपाध्याय की पूरी फैमिली बसपा में हुआ करती थी लेकिन आज सभी भाजपा में हैं। रामवीर उपाध्याय के निधन के बाद हाथरस जनपद को हमेशा एक लोकप्रिय और एक कद्दावर नेता की कमी खलती रहेगी।