देश में मूसलाधार बारिश से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के लिए अगले दो दिन एक बार फिर से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। सिरमौर, सोलन, शिमला, किन्नौर और बिलासपुर में मध्यम से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को इस दौरान सावधान रहने के लिए कहा गया है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, वीकेंड पर मौसम का रुख सख्त रहेगा। शनिवार की शाम से रविवार तक कई राज्यों में मूसलाधार बारिश हो सकती है। आईएमडी ने अगले 48 घंटे के दौरान साइक्लोनिक सर्कुलेशन के एक्टिव रहने से उत्तर भारत के राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली-एनसीआर के कुछ भागों में बादलों की आवाजाही रहने और कहीं हल्की तो कहीं मध्यम तो कहीं तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है।
इस दौरान कुछ इलाकों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी के साथ आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है। खासकर, तराई के क्षेत्रों में तेज बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी और बाढ़ का खतरा बना रहेगा। इस दरम्यान अधिकतम तापमान 32 से 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 25 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने से गर्मी और उमस से राहत रहेगी। पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में बादल फटने की गुंजाइश बनी हुई है। कहीं-कहीं अत्यधिक बारिश के कारण लैंडस्लाइड और बाढ़ चिंता का सबब बन सकती है।
आने वाले दिनों में मौसम खराब होने की स्थिति में आम पब्लिक और टूरिस्ट बाहरी गतिविधियों को सीमित करें और खुद को सुरक्षित स्थान पर रखें। घर के अंदर रहें। वहीं नदी नालों किनारे बिल्कुल न जाएं । राज्य सरकार द्वारा जारी की गई सारी गाइडलाइन का पालन करें और वेदर फोरकास्ट देखकर ही सफर प्लान करें। हर सड़क जिस पर आप सफर करने वाले हों, वहां स्थानीय प्रशासन या पुलिस से रोड कंडीशंस की जानकारी ले लें। फिर सुरक्षित तरीके से सफर करें । वहीं
मौसम विभाग ने उत्तराखंड में 3 अगस्त को कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में बागेश्वर, चमोली, रुद्र प्रयाग, नैनीताल, अल्मोड़ा, चंपावत शामिल हैं। लोगों को इस दौरान सावधान रहने की चेतावनी दी गई है। उधर, दक्षिणी भागों में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, हैदराबाद, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़ और झारखंड में सुस्त पड़ी मौसमी गतिविधियां तेज होंगी। कमोबेश ऐसी ही बारिश पूर्वोत्तर के हिस्सों नागालैंड, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में भी दर्ज की जाएगी।