केरल में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के बीच कुछ सालों से चला रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले सप्ताह राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल में विश्वविद्यालय के 9 कुलपतियों से इस्तीफा मांगा था। गवर्नर के इस आदेश के बाद केरल की विजयन सरकार के बीच विवाद जारी है। इस बीच एक और नया विवाद सामने आ गया है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री विजयन से वित्तमंत्री के एन बालगोपाल को पद से हटाने के लिए कहा है। उन्होंने चिट्ठी लिखकर कहा कि वो उनके मंत्रिमंडल में बने रहने से खुश नहीं हैं। राज्यपाल के आदेश के बाद केरल के मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री बालगोपाल के खिलाफ संविधान के अनुसार उचित कार्रवाई करने के राज्यपाल के निर्देश को खारिज कर दिया है। गर्वनर आरिफ मोहम्मद खान ने सीएम को लिखी चिट्ठी में कहा कि केएन बालगोपाल ने शपथ का उल्लंघन किया है। वह जानबूझकर शपथ का उल्लंघन करके भारत की एकता और अखंडता को कमजोर कर रहे हैं। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने आरोप लगाया कि बालगोपाल ने 19 अक्टूबर को एक विश्वविद्यालय परिसर में एक भाषण दिया। जिसमें बालगोपाल ने क्षेत्रीयता और प्रांतीयता की आग को भड़काने और भारत की एकता को कमजोर करने का प्रयास किया था। नतीजतन, उन्हें यह बताने के लिए मजबूर होना पड़ा कि वित्त मंत्री का बयान शर्मनाक है। आपको बता दें कि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य के सभी कुलपतियों से इस्तीफा मांगा था। जिसके विरोध में 9 कुलपतियों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हालांकि, राज्यपाल के इस फैसले को लेकर सीपीआई ने सवाल उठाए हैं। सीताराम येचुरी का आरोप है कि वे कुलपतियों के पद पर आरएसएस नेताओं को बैठाना चाहते हैं। बता दें कि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। आरिफ मोहम्मद खान केंद्र की पीवी नरसिम्हा राव सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। कुछ साल पहले आरिफ मोहम्मद खान का झुकाव केंद्र की मोदी सरकार के प्रति बढ़ गया था। जिसके बाद पीएम मोदी ने करल का राज्यपाल बनाया था।