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कई बार राजनीतिक दलों को गैर हिंदी भाषी राज्यों में भाषण देने के लिए ट्रांसलेटर की जरूरत पड़ती है। लेकिन कभी-कभी ऐसी भी घटनाएं सामने आती है जब नेताओं को ट्रांसलेटर पर गुस्सा भी आ जाता है। पिछले महीने नवंबर में राहुल गांधी गुजरात के सूरत में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उस समय राहुल गांधी मंच से हिंदी में बोल रहे थे और उनके पास में खड़े एक कांग्रेस नेता गुजराती में उसका अनुवाद कर रहे थे। लेकिन बीच में ही यह कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषण को छोड़कर चले गए थे। उसके बाद सोशल मीडिया पर राहुल गांधी का यह भाषण सुर्खियों में रहा। उसके बाद अब गृह मंत्री अमित शाह के ट्रांसलेटर ने भी गलती कर दी है जिसके बाद उनको मंच पर ही गुस्सा आ गया। बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह अगले साल मई में होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तैयारी के सिलसिले में मैसूर क्षेत्र में पहुंचे हुए थे। मैसूर के पास में ही मांड्या जिला भी आता है। मांड्या एक ऐसा जिला है जहां के लोग हिंदी बहुत कम जानते हैं। अमित शाह मंच से जनसभा को हिंदी में संबोधित कर रहे थे। मंच पर ही मौजूद एक भाजपा का नेता गृह मंत्री अमित शाह के हिंदी का कन्नड़ भाषा में अनुवाद कर रहा था। लेकिन अमित शाह ने जो बोला उसका उस नेता ने हिंदी में अनुवाद न करके अपनी बात और आगे बढ़ानी शुरू कर दी। इसी बात पर गृहमंत्री ने उसे डांटा और कहा जो मैं बोलूं वही बोलिए । अमित शाह की यह बात सुनकर मंच पर खड़ा हुआ व्यक्ति घबरा गया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

अब आइए आपको बताते हैं मांड्या का कर्नाटक में सियासी महत्व क्या है। मांड्या के पास सात विधानसभा सीटें हैं – छह जनता दल (एस) के पास और एक भाजपा के पास है, जिसे उसने उपचुनाव में जीता था। उन्होंने कहा, जनता दल (एस)-कांग्रेस को कई मौके दिए गए हैं और वे बारी-बारी से करते रहे हैं. इस बार मांड्या और मैसूरु में कमल खिलेगा, हम बहुमत हासिल करेंगे। बीजेपी नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मांड्या जिले में वोक्कालिंगा समुदाय के एक बड़े कार्यक्रम में कहा कि जेडीएस-कांग्रेस को बहुत मौके मिल चुके हैं और वो एक-दूसरे से मिले हुए हैं। इस बार मांड्या और मैसुरु में कमल खिलेगा। हम बहुमत जीतेंगे। उन्होंने बीजेपी की हिंदुत्व और विकास की रणनीति पर जोर देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। अमित शाह अपने कर्नाटक दौरे पर वोक्कालिंगा समुदाय में बड़ा प्रभाव रखने वाले आदि चुंचनगिरी मठ गए। यहां उन्होंने मठ के निर्मलानंदनाथ स्वामी जी से मुलाकात की। अमित शाह ने लंबे समय से रूके कैबिनेट विस्तार को लेकर भी हामी भरी। जिसके जरिये केएस ईश्वरप्पा और रमेश झारकोली जैसे नेताओं को 2023 के चुनाव से पहले साधा जाएगा। मांड्या में शाह ने 2024 में अयोध्या में राम मंदिर, केदारनाथ, बद्रीनाथ, काशी विश्वनाथ के विकास के मुद्दों के जरिये लोगों के बीच जगह बनाने का हर संभव दांव खेला है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने कर्नाटक दौरे पर बूथ स्तर के बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने कर्नाटक में अगले साल मई महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जमीनी स्तर पर की जाने वाली तैयारियों का जायजा लेने के लिए ये बैठक की। इस बैठक में सीएम बसवराज बोम्मई के साथ राज्य के गृह मंत्री अरगा जननेंद्र, बीजेपी महासचिव और राज्य के प्रभारी अरुण सिंह, राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष और राष्ट्रीय सचिव सीटी रवि मौजूद रहे।