कुछ दिनों पहले तक किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि उत्तराखंड का ऐतिहासिक और धार्मिक शहर जोशीमठ इस हाल में पहुंच जाएगा। इन दिनों जोशीमठ में डर और दहशत का जबरदस्त माहौल बना हुआ है। लोगों की नींद उड़ गई है। राजधानी देहरादून से लेकर दिल्ली तक जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को लेकर निगाह बनाए हुए हैं। धामी सरकार के 2 आलीशान होटलों को गिराए जाने के फैसले के बाद एसडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद है। आसपास रहने वाले लोगों को वहां से सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। उत्तराखंड के जोशीमठ में हालात बिगड़ते चले जा रहे हैं। भू-धंसाव के चलते तमाम घरों और होटलों में दरारें पड़ गई हैं। प्रशासन ने असुरक्षित जोन घोषित किए हैं। ऐसे में जो घर और इमारतें सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, उन्हें जमींदोज करने का काम आज शुरू हो रहा है। बताया जा रहा है कि सबसे पहले होटल “मलारी इन और माउंट व्यू” को ढहाया जा सकता है। इन होटलों को खाली करा दिया गया है। बताया जा रहा है कि दरार पड़ने के चलते होटल लगातार पीछे की ओर झुकते जा रहे हैं। जोशीमठ में सोमवार शाम तक नौ वार्ड के 678 मकानों की पहचान हुई है, जिनमें दरारें हैं। सुरक्षा की नजर से दो होटल को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत बंद किए गए हैं। होटल मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने बताया कि इसे 2011 में बनाया गया था। राणा ने बताया कि हमें न तो सूचना दी गई और न ही हमें कोई नोटिस दिया गया कि हमारे होटल को गिराया जा रहा है. मैं जनहित में अपने होटल को गिराए जाने के सरकार के फैसले के साथ हूं। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट जोशीमठ पहुंचे। उन्होंने आर्मी कैंप का निरीक्षण करने के बाद सुनील वार्ड में प्रभावित लोगों से मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि केन्द्र और राज्य सरकार इस प्राकृतिक आपदा से लोगों को निकालने का काम कर रही है।