(Sri Lanka crisis) : करीब चार महीने पहले शुरू हुआ श्रीलंका में आर्थिक संकट आखिरकार आज गृह युद्ध के मुहाने पर आकर खड़ा हो गया है । महंगाई, खाद्यान्न संकट और ईंधन की लगातार कमी से लंका की लाखों जनता आज एक साथ सड़क पर उतर आई। राजधानी कोलंबो में राष्ट्रपति आवास पर पहले कब्जा किया। उसके बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के आवास पर ही कब्जा जमा लिया है। प्रदर्शनकारियों के आक्रोश को देखते हुए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश छोड़कर फरार हो गए हैं। ‘श्रीलंका की सरकार ही फरार हो गई है’। प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे के आधिकारिक आवास पर घुसकर जमकर तोड़फोड़ भी की। रैली के दौरान श्रीलंका की पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इसमें करीब 30 लोग घायल हो गए।
श्रीलंका में चारों तरफ सड़कों पर लाखों लोगों की भीड़ है। इस समय सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। हालात बेहद गंभीर और बेकाबू हैं। फिलहाल कोई नहीं जान रहा कि अब आगे श्रीलंका का ‘भविष्य’ क्या है। प्रदर्शनकारियों के गुस्से को देखते हुए सुरक्षाकर्मी भी सहमे हुए हैं। राष्ट्रपति के देश छोड़ने के बाद हजारों लोग जश्न भी मना रहे हैं। 4 महीने से आर्थिक संकट से जूझ रही जनता ने आखिरकार आज सरकार का तख्ता पलट दिया है। राष्ट्रपति जाने के बाद भले ही श्रीलंका के अधिकांश लोग खुशियां मना रहे हैं लेकिन आर्थिक हालात जस के तस बने हुए हैं। देश में खाद्यान्न से लेकर पेट्रोल, डीजल, दूध के साथ मूलभूत जरूरतों का गहरा संकट छाया हुआ है। स्कूल, कॉलेज और बैंक सभी बंद हैं। राजधानी कोलंबो समेत तमाम शहरों में तनावपूर्ण जैसे हालात हैं। भारत का पड़ोसी श्रीलंका फिलहाल गृहयुद्ध के कगार पर आ खड़ा हुआ है। देश में चारों तरफ सड़कों पर लोगों का हुजूम जमा दिखाई दे रहा है। राष्ट्रपति के भाग जाने के बाद भले ही लाखों लोग जश्न मना रहे हैं लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न है कि यह लोग आर्थिक संकट से कैसे निपटेंगे ? प्रदर्शनकारियों के गुस्से को देखकर पुलिस और सेना असहाय की भूमिका में है। श्रीलंका में आज जो हालात बयां कर रहे हैं उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अभी हाल फिलहाल यह देश पटरी पर लौटता नहीं दिख रहा है।