यह उन लोगों के लिए अच्छी खबर है जिनको पेंशन नहीं मिलती है और पेंशन न मिलने की वजह से परेशान रहते हैं। बुढ़ापे या रिटायरमेंट की आयु (60 साल) पूरा होने पर सभी चाहते हैं कि कुछ न कुछ पेंशन मिले ताकि छोटी-मोटी जरूरतें पूरा हो सके। सरकारी या प्राइवेट
कर्मचारियों को तो रिटायरमेंट की आयु के बाद एक निश्चित पेंशन मिल जाती है लेकिन जो व्यक्ति नौकरी नहीं करता है उसको पेंशन न मिलना जरूर तकलीफ देती है। इसी को ध्यान में रखते हुए अब केंद्र की मोदी सरकार देश के सभी नागरिकों के लिए नई पेंशन स्कीम लाने जा रही है। मोदी सरकार एक नई “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” लाने पर काम कर रही है। अगर यह स्कीम लागू होती है, देश के करोड़ों को बड़ी राहत मिलेगी। इस पेंशन स्कीम के साथ उन लोगों को भी वित्तीय सुरक्षा मिल सकती है जो नौकरी नहीं करते हैं और दूसरे कामकाज के जरिए अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं। जी हां, ट्रेडिशनल जॉब-बेस्ड पेंशन प्लान के अलावा जल्द एक नया पेंशन सिस्टम लॉन्च किया जा सकता है।श्रम मंत्रालय ने एक वॉलंटरी और अंशदायी योजना (voluntary and contributory scheme) पर चर्चा शुरू कर दी है, जो सभी व्यक्तियों को उनकी रोजगार स्थिति की परवाह किए बिना, उनके रिटायरमेंट में निवेश करने की अनुमति देगी। इस नई पेंशन की नए वित्त वर्ष 1 अप्रैल साल 2025 से शुरू होने की उम्मीद है।
यूनिवर्सल पेंशन स्कीम में क्या होगा?
इस योजना को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत बनाया जा रहा है। इसके अंतिम प्रारूप को तैयार करने के बाद अलग-अलग हितधारकों (Stakeholders) की राय ली जाएगी। नई योजना स्वैच्छिक होगी, यानी कोई भी इसमें शामिल हो सकेगा, चाहे उसके पास कोई नौकरी हो या नहीं। इससे असंगठित क्षेत्र के लोग, जैसे कि छोटे व्यापारी, स्वरोजगार करने वाले भी योजना में शामिल हो सकेंगे। इसमें प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PM-SYM) और राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS-Traders) जैसी मौजूदा पेंशन योजनाओं को मर्ज किया जा सकता है। ये योजनाएं रिटायरमेंट के बाद ₹3,000 की मासिक पेंशन प्रदान करती हैं, जिसमें ₹55 से ₹200 तक का योगदान किया जाता है, और सरकार भी इसमें बराबर का योगदान देती है। अटल पेंशन योजना (APY) को भी इस नए ढांचे में शामिल करने की संभावना पर विचार किया जा रहा है।
सरकार Building and Other Construction Workers (BoCW) Act के तहत लिए गए उपकर (Cess) को निर्माण श्रमिकों की पेंशन वित्तीय सहायता के लिए उपयोग करने पर भी विचार कर रही है।यह योजना खासकर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, छोटे व्यापारियों, स्वरोजगार करने वालों और अन्य नागरिकों के लिए बनाई जा रही है। इसमें 18 साल या उससे अधिक उम्र के वे लोग शामिल हो सकेंगे, जो 60 साल के बाद पेंशन लाभ (Pension Benefits) पाना चाहते हैं।
केंद्र सरकार राज्यों को भी इस योजना में अपनी पेंशन योजनाओं को विलय करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। इससे पेंशन अंशदान को एक जगह लाया जा सकेगा। इससे पेंशन भुगतान (Pension Payout) में वृद्धि होगी। साथ ही, एक शख्स को अधिक पेंशन का लाभ लेने से भी रोका जा सकेगा।
देश में अभी एनपीएस और अटल पेंशन योजना चल रही है । गैर संगठित क्षेत्रों के लिए कई सरकारी पेंशन स्कीम्स देश में चल रही है। इसमें से एक अटल पेंशन योजना है। इस स्कीम में व्यक्ति के 60 साल के हो जाने के बाद हर महीने 1,000 रुपए से 1,500 रुपए का रिटर्न मिलता। इसके अलावा, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) भी चल रही है। इसमें रेहड़ी-पटरी वालों, घरेलू कामगारों और मजदूरों को फाइनेंशियल असिस्टेंस सरकार देती है। वहीं, किसानों के लिए अलग से एक स्कीम- प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना चल रही है। इसमें निवेशक के 60 साल हो जाने के बाद सरकार हर महीने 3000 रुपए का असिस्टेंस देती है। अभी भारत की सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था मुख्य रूप से भविष्य निधि (Provident Fund), वृद्धावस्था पेंशन (Old Age Pension) और गरीब वर्गों के लिए स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) तक सीमित है। इस प्रस्तावित यूनिवर्सल पेंशन योजना का उद्देश्य इन योजनाओं के दायरे का विस्तार करना और एक समावेशी (Inclusive) और सतत (Sustainable) पेंशन प्रणाली तैयार करना है, जिससे अधिक से अधिक लोगों को सामाजिक सुरक्षा मिल सके।
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