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जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी पार्टी की सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती अपने बयानों से चर्चा में बनी रहती हैं। महबूबा मुफ्ती केंद्र की भाजपा सरकार पर भी जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर आए दिन हमला बोलती हैं। महबूबा मुफ्ती कई बार भारत विरोधी बयान भी दे चुकी हैं। अब महबूबा मुफ्ती हिंदू मंदिर में दर्शन करने पहुंची । पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा जम्मू कश्मीर पुंछ के देरियां में नवग्रह मंदिर के दर्शन करने गईं और मुफ्ती ने मंदिर में दर्शन के दौरान शिवलिंग पर जलाभिषेक भी किया। महबूबा मुफ्ती के साथ पीडीपी पार्टी के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे । पुंछ की अपनी यात्रा के दौरान महबूबा मुफ्ती ने नवग्रह मंदिर का दौरा किया था। पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती का मंदिर जाने का वीडियो अब वायरल हो रहा है मंदिर प्रशासन ने भी महबूबा मुफ्ती को शॉल भेंट कर अभिवादन भी किया, महबूबा मुफ्ती को पूरे मंदिर परिसर में चक्कर लगाते हुए भी देखा गया। वहीं महबूबा मुफ़्ती के जलाभिषेक करने पड़ बीजेपी ने उनपर निशाना साधा है। बीजेपी ने महबूबा मुफ़्ती के इस कदम को नौटंकी करार दिया है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रणवीर सिंह ने कहा कि ये पीडीपी प्रमुख की एक मात्र नौटंकी है। वहीं महबूबा मुफ़्ती के मंदिर जाने का विरोध मुस्लिम धर्मगुरु भी कर रहे हैं। देवबंद के मौलाना असद कासमी ने कहा, महबूबा ने जो किया वह सही नहीं है। वह इस्लाम के खिलाफ है।

बता दें कि महबूबा मुफ्ती का जन्म 22 मई 1959 को कश्मीर के कद्दावर राजनीतिक परिवार में हुआ था। महबूबा मुफ्ती ने 1984 में जावेद इकबाल से शादी की थी। महबूबा की दो बेटियां हैं बड़ी बेटी का नाम इल्तिजा और छोटी का इर्तिका है। दोनों बेटियों के जन्म के बाद ही महबूबा का अपने पति जावेद इकबाल से तलाक हो गया था। महबूबा मुफ्ती के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री के साथ केंद्र में भी मंत्री थे। महबूबा हमेशा उनके साथ खड़ी रहीं। इन पिता-पुत्री की जोड़ी ने वर्ष 1999 में अपनी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का गठन किया। वर्ष 2004 में महबूबा ने अपना पहला लोकसभा चुनाव दक्षिण कश्मीर से जीता। इससे पहले वर्ष 1999 में श्रीनगर से उन्हें लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला के सामने हार का सामना करना पड़ा था।महबूबा मुफ्ती ने 1996 में विधानसभा चुनाव जीतकर राजनीति में कदम रखा। उन्होंने 2004 में अनंतनाग निर्वाचन क्षेत्र से संसद के निचले सदन के लिए चुने जाने से पहले लगातार दो बार कश्मीर के विधायक के रूप में कार्य किया। 2014 में फिर से वो सांसद बनीं। साल 2016 में अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद वो जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। उन्होंने दो साल तक सरकार चलाई, लेकिन 2018 में जब भाजपा ने समर्थन वापस लिया तो उनको इस्तीफा देना पड़ा।
