भारत की राजधानी नई दिल्ली जी-20 समिट को लेकर खूब मुस्कुरा रही है। पहली बार दिल्ली में दुनिया के सबसे टॉप शक्तिशाली नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है। ऐसा पहली बार हुआ है कि दुनिया के सबसे ताकतवर मंचों के मुखिया एक साथ दिल्ली में हैं। भारत की ओर से जी-20 शिखर सम्मेलन की थीम ‘वसुधैव कुंटुंबकम’ रखी गई है। इसलिए इस शिखर सम्मेलन में वसुधैव कुटुंबकम की थीम पर ही ‘वन अर्थ’, ‘वन फैमिली’ और ‘वन फ्यूचर’ सत्र होंगे।
राजधानी में जी-20 समिट 2 दिन 9 और 10 सितंबर तक होगी। यह सम्मेलन राजधानी के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आयोजित किया जा रहा है। मेहमानों का स्वागत करने के लिए दिल्ली खूब सज धज के तैयार हैं। जी 20 समिट के लिए राजधानी को भव्य रूप में सजाया गया है। जहां भी देखो उधर ही दिल्ली चमक-दमक रही है। मोदी सरकार ने भी जी20 समिट में आने वाले मेहमानों का स्वागत करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत भाषण के साथ जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत हुई। भारत जी20 के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।
इसके बाद ब्राजील यह जिम्मेदारी संभालेगा। पीएम मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए देश का नाम लेते समय ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया। जी-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज शिरकत करेंगे। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज, कोमोरोस के राष्ट्रपति और अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष अजाली असौमानी भी शिरकत करेंगे। इनके अलावा ओमान के उप प्रधानमंत्री सैय्यद फहद बिन महमूद अल सैद, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा और विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा शिरकत करेंगे।
जी20 की इस बेहद अहम समिट में कुछ अहम देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल नहीं हो रहे हैं। इनमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन शामिल हैं। इसके अलावा स्पेन के सांचेज भी इस समिट में शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्हें कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार से शुरू हुए जी20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर सुरक्षा जांच कड़ी कर दी गई है। शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल प्रगति मैदान के आसपास बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है, वहीं नयी दिल्ली और सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों की जांच तेज कर दी गई है। कार्यक्रम स्थल और नयी दिल्ली जिले में सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी नजर रखने के लिए श्वान दस्ते तथा दूरबीनों से लैस घुड़सवार मोर्चे को भी तैनात किया गया है।
जी20 शिखर सम्मेलन में भारत को मिली बड़ी कामयाबी-
राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक में पहले दिन शनिवार को भारत को इस शिखर सम्मेलन में बड़ी कामयाबी मिली है। सम्मेलन के दूसरे सत्र में लीडर्स डिक्लेरेशन या कहें कि इस शिखर सम्मेलन के साझा घोषणा-पत्र पर सहमति बन गई है। सम्मेलन के दूसरे सत्र ‘वन फैमिली’ में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताते हुए इसका एलान किया है। उन्होंने कहा-एक खुशखबरी मिली है। हमारी टीम की कठिन मेहनत और आप सबके सहयोग से जी 20 लीडर समिट के डिक्लेरेशन पर सहमति बनी है। मेरा प्रस्ताव है कि लीडर्स डिक्लेरेशन को भी अपनाया जाए। मैं भी इस डिक्लेरेशन को अपनाने की घोषणा करता हूं।

इससे पहले पीएम मोदी ने जी20 सम्मेलन के पहले सत्र में कहा था कि 21वीं सदी दुनिया को नयी दिशा देने का समय है। खास बात ये है कि पीएम मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए देश का नाम लेते समय ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया। जी20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या का लगभग दो-तिहाई प्रतिनिधित्व करते हैं। अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के एक मंच के रूप में यह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक व्यवस्था और शासन को आकार देने और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के रात्रिभोज में मल्लिकार्जुन खड़गे को न बुलाने पर भड़का विपक्ष–
शनिवार शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी20 शिखर सम्मेलन में आए विदेशी मेहमानों के साथ डिनर का आयोजन किया गया । लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को इस रात्रिभोज के लिए निमंत्रण नहीं मिला है। इसके बाद कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राष्ट्रपति के जी20 रात्रिभोज में न बुलाना लोकतंत्र पर हमला है और सत्तारूढ़ सरकार की सोच को दर्शाता है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा- मुझे मीडिया के जरिए यह जानकारी मिली है कि जी20 में राष्ट्रपति के द्वारा आयोजित नेताओं के डिनर में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को नहीं बुलाया गया है। अभी ऐसी स्थिति नहीं है, जहां लोकतंत्र और विपक्ष का अस्तित्व खत्म हो जाए। वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति के डिनर पार्टी में नहीं बुलाने पर प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- उन्हें (केंद्र) लो लेवल की राजनीति नहीं करनी चाहिए। यह अच्छा नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि यह कार्रवाई इस कदम के पीछे की सोच के बारे में बताती है।
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि चूंकि विपक्ष लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए विपक्ष के नेता को आमंत्रित नहीं करना लोकतंत्र पर हमला है। संजय राउत ने कहा कि आपने मनमोहन सिंह को डिनर में बुलाया है, आपको मालूम है कि मनमोहन सिंह की तबीयत ठीक नहीं है वह नहीं आने वाले हैं, लेकिन विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को नहीं बुलाया है। अगर लोकतंत्र में विपक्ष के नेता को स्थान नहीं है तो यह तानाशाही है। इतना बड़ा सम्मेलन देश में हो रहा है। आपको सबको बुलाकर बात करनी चाहिए। 2024 में हमारी सरकार आएगी, लेकिन हम सत्ता में रहेंगे तो यह गलती हम नहीं करेंगे। अगर मोदी जी विपक्ष के नेता होंगे तो उन्हें भी न्योता दिया जाएगा।
जी-20 दुनिया की शीर्ष 20 औद्योगिक और उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक मंच है–
बता दें कि G20 शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली के भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जा रहा है। भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी20 की अध्यक्षता कर रहा है। G20 का मतलब ग्रुप ऑफ ट्वेंटी है, जो दुनिया की शीर्ष 20 औद्योगिक और उभरती अर्थव्यवस्थाओं की सरकारों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों के लिए एक मंच है। यह वैश्विक वित्तीय मुद्दों पर बात करने के लिए 1999 में स्थापित किया गया था। जी-20 का एजेंडा क्या है? जी-20 शिखर सम्मेलन के एजेंडे में विकासशील देशो को आर्थिक मदद, विश्व बैंक और आईएमएफ में सुधार, क्रिप्टो करेंसी के लिए नए नियम, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर जोर, जलवायु परिवर्तन और रूस-यूक्रेन युद्ध के आर्थिक और सामाजिक प्रभाव जैसे मुद्दे शामिल हैं। इस सभी मुद्दों पर चर्चा होगी.इसके लिए दिल्ली के साथ भारत मंडपम को भी बेहद खूबसूरत तरीके से सजाया गया है। इसमें कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष और कई मेहमान हिस्सा ले रहे हैं।
जी20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा, ‘आज, जी20 के अध्यक्ष के रूप में, भारत दुनिया से वैश्विक विश्वास की कमी को विश्वास और निर्भरता में बदलने का आह्वान करता है। यह हम सभी के लिए एक साथ आगे बढ़ने का समय है। इस बार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का मंत्र हमारे लिए पथ प्रदर्शक बन सकता है। चाहे वो उत्तर और दक्षिण के बीच विभाजन हो, पूर्व और पश्चिम के बीच की दूरी हो, भोजन और ईंधन का प्रबंधन हो, आतंकवाद हो , साइबर सुरक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा या जल सुरक्षा, हमें भावी पीढ़ियों के लिए इसका ठोस समाधान ढूंढना होगा। जी-20 समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं। जी-20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या का लगभग दो-तिहाई प्रतिनिधित्व करते हैं।