सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहला मौका है जब पिता के बाद बेटे ने देश के मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ ली हो। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ देश के नए मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई। मंगलवार यानी 8 नवंबर को यूयू ललित का कार्यकाल पूरा हो गया था। जस्टिस ललित का सीजेआई के तौर पर 74 दिनों का छोटा कार्यकाल था जो 8 नवंबर को पूरा हो गया। अब जस्टिस चंद्रचूड़ दो साल यानी 10 नवंबर 2024 तक सीजेआई रहेंगे। शपथ ग्रहण के बाद डीवाई चंद्रचूड़ ने पत्नी संग तिरंगे की सलामी ली।
शपथ ग्रहण के बाद सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, देश की सेवा करना मेरी प्राथमिकता है। हम भारत के सभी नागरिकों के हितों की रक्षा करेंगे। चाहे वह तकनीक हो, रजिस्ट्री सुधार हो या न्यायिक सुधारों के मामले में हों। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीवाई चंद्रचूड़ बधाई दी है।

बता दें कि जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ देश के 16वें भारत के मुख्य न्यायाधीश थे। वाईवी चंद्रचूड़ का कार्यकाल 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक करीब सात साल रहा। यह किसी सीजेआई का अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है। पिता के रिटायर होने के 37 साल बाद उनके बेटे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सीजेआई बने हैं।