उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हर्रावाला स्थित आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय पिछले काफी समय से भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। करीब 2 साल पहले आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के तत्कालीन रजिस्टार कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर राज्य सरकार ने विजिलेंस से जांच कराने के आदेश जारी किए थे। उसके बाद मृत्युंजय मिश्रा को जेल की हवा भी खानी पड़ी थी। जमानत मिलने के बाद इसी साल जनवरी महीने में उन्हें देहरादून स्थित आयुर्वेद विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्ति भी दे दी गई। उनकी नियुक्ति पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने धामी सरकार पर निशाना साधा था। यह मामला उत्तराखंड की सियासी गलियारों में चर्चा में भी रहा। रजिस्ट्रार के बाद अब उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर सुनील जोशी के खिलाफ लगे आरोपों की शासन ने जांच बिठा दी है। कुलपति जोशी की जांच जस्टिस के डी शाही करेंगे और शासन को 15 दिन के अंदर रिपोर्ट देंगे। मंगलवार को राज्य के आयुष सेक्रेटरी डॉ पंकज पांडे ने यह आदेश जारी किए हैं। बता दें कि कुलपति की योग्यता समेत अन्य बिंदुओं को लेकर हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई है। बहुत कम देखने को मिलता है जब एक ही विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और कुलपति गंभीर आरोपों में घिरे हो।