डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है अभी तक देश दुनिया में इसका कोई पक्का इलाज नहीं है। मरीजों को इसे नियंत्रण में रखना होता है। इसके साथ खान-पान, वॉकिंग, योग करने के साथ समय-समय पर डॉक्टर की सलाह दी डायबिटीज पेशेंट को करते रहना चाहिए। डायबिटीज के मरीज का ब्लड शुगर बढ़ जाता है जिससे कई गंभीर समस्याओं का खतरा होता है। यही वजह है कि डायबिटीज के मरीजों स्वस्थ जीवन जीने के लिए ब्लड शुगर को कंट्रोल रखना जरूरी है। इसके लिए बेशक कई दवाएं हैं लेकिन दवाएं भी तभी तक काम करती हैं, जब तक आप खाने-पीने की स्वस्थ आदतों के साथ एक्टिव लाइफस्टाइल फॉलो करते हैं। कई खाद्य पदार्थ हैं जिनमें डायबिटीज कंट्रोल करने की क्षमता होती है। ऐसा ही एक खाद्य पदार्थ अंजीर भी है। अंजीर में वो सभी पोषक तत्व होते हैं, जो बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। फैट टू स्लिम की डायरेक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट एंड डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा के अनुसार, बेशक यह फल मीठा होता है लेकिन सही मात्रा में लेने से आपको वास्तव में फायदा हो सकता है।

ब्लड शुगर के स्तर को कम करने के लिए दवा या इंसुलिन लेने के साथ कुछ होम रेमेडीज को भी लेना डायबिटीज को हमेशा कंट्रोल में रखेगा। कई बार कुछ देसी हर्ब्स और पत्तियां ब्लड में इंसुलिन को रेग्युलेट करने में दवा से भी बेहत काम करती हैं. इंसुलिन आपके अग्न्याशय द्वारा बनाया गया एक हार्मोन है जो ब्लड में ग्लूकोज को कंट्रोल करता है। टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज वाले कुछ लोगों को अपने ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन को ब्लड में मैनेज करना बेहद कठिन हो जाता है। ऐसे में ये देसी हर्ब्स या पत्तियां वैकल्पिक दवा का काम करती हैं वह भी बिना किसी नुकसान के. आज आपको एक ऐसी ही पत्ती के बारे में बताएंगे जो एंटी डायबिटीज होती है.नेचर क्योर के लेखक नैट हॉस के अनुसार अंजीर के पत्ते डायबिटीज के इलाज में बहुत कारगर हैं और ब्लड शुगर के स्तर को नियमित करने में मदद करते हैं। अंजीर के चार पत्तों को पानी में उबाल लें और इसे चाय के रूप में पियें या कच्चा ही चबा लें। नट का कहना है कि अंजीर के पत्तों के अर्क ब्लड में कम इंसुलिन को तेजी से बढ़ा देते हैं। हर दिन इन पत्तियों का अर्क लेना शुगर को नार्मल रेंज पर ले आएगा। डायबिटीज रोगियों को नाश्ते के साथ या नाश्ते से पहले अंजीर के पत्ते का अर्क लेना चाहिए। ऐसा करने से धीरे-धीरे डायबिटीज दवा या इंसुलिन का डोज कम होता जाएगा। अंजीर का फल भी पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत है, एक पोषक तत्व जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। अंजीर के पत्तों का स्वाद कड़वा हो सकता है, इसलिए कुछ पोषण विशेषज्ञ अंजीर के पत्तों को सुखा कर पाउडर के रूप में भी खाने की सलाह देते हैं। डायबिटीज रिसर्च एंड क्लिनिकल प्रैक्टिस के 1998 के अंक में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि इंसुलिन पर निर्भर डायबिटीज रोगियों के आहार में अंजीर के पत्तों को शामिल करने से भोजन के बाद उच्च ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिली थी। बता दें कि अंजरी के पत्ते चौड़े और बड़े साइज़ के होते हैं अंजीर के पेड गर्म देशों में पाए जाते हैं। गूलर भारत में पाया जाने वाला एक आम पेड़ है जिसका बोटैनिकल नाम फिकस रासेमोसा है। ये फिग यानी अंजीर प्रजाति का पेड़ है जिसे अंगरेज़ी में कलस्टर फ़िग भी कहते हैं। असली अंजीर और पिस्ता खाने में सॉफ्ट होता है। वहीं अंजीर या पिस्ता काफी हार्ड होने पर समझ जाएं कि ये नकली है। रंग और स्मैल से आप असली और नकली काजू की पहचान कर सकते हैं। सफेद और मटमैले रंग के काजू पूरी तरह से प्योर होते हैं। अंजीर किसे नहीं खाना चाहिए? जानें 5 समस्याएं जिनमें अंजीर हो सकता है नुकसानदायक
पथरी की समस्या अगर आपको गुर्दे में पथरी हैं, तो अंजीर के सेवन से बचना चाहिए। …
माइग्रेन अंजीर का सेवन माइग्रेन की समस्या को बढ़ा सकता है। …
पेट दर्द अंजीर का सेवन पेट दर्द की समस्या होने पर नहीं करना चाहिए। …
ब्लीडिंग की समस्या …
लीवर की परेशानी