धनतेरस और दीपावली को लेकर बाजार सज गए हैं। घरों में खुशियां छाई हुई हैं। वहीं आज से ही 6 दिन का दीपोत्सव भी शुरू हो चुका है। लेकिन इस बार धनतेरस और दीपावली कब मनाया जाए पूरे देश भर में कन्फ्यूजन भी बना हुआ है। बाजार में चमक बनी हुई है। कोरोना महामारी के चलते 2 साल बाद बाजार दीपावली और धनतेरस रोशन हुआ है। देश भर में खरीदारी करने के लिए लोग निकल पड़े हैं। आज शाम 6 बजे से धनतेरस शुरू हो रही है और कल शाम 6 बजे तक रहेगी। इस कारण ये त्योहार 22 और 23 दोनों दिन मनेगा। आज शाम धन्वंतरि पूजा और यम दीपदान के लिए 1-1 मुहूर्त रहेंगे और खरीदारी के लिए पूरा दिन शुभ रहेगा। दिन में त्रिपुष्कर योग बन रहा है, मान्यता है कि इस योग में किए गए कामों का 3 गुना फल मिलता है, जैसे अगर आप कोई बिजनेस शुरू करते हैं, तो उसमें तीन गुना फायदा कमाने के योग बन सकते हैं। 23 को भी पूरे दिन सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा। इसलिए हर तरह की खरीदारी, निवेश और नई शुरुआत के लिए पूरे दिन शुभ मुहूर्त रहेंगे। इस तरह धनतेरस 22 और 23 दोनों दिन मनेगी।
हिंदू धर्म में धनतेरस का बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस में देवी लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन, सुख और समृद्धि आती है। इस दिन धन के देवता कुबेर की भी पूजा की जाती है। धनतेरस हर साल कार्तिक मास की त्रयोदशी को मनाया जाता है। धनतेरस से कई किवदंतियां जुड़ी हुई हैं। मान्यता है कि धनत्रयोदशी के दिन ही समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी और कुबेर के साथ स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरि भी प्रकट हुए थे। इसी कारण से धनतेरस मनाया जाता है। धनतेरस के दिन जो भी व्यक्ति कुछ विशेष स्थान पर दीया जलाते हैं उनको सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।धनतेरस का पर्व सुख-समृद्धि का पर्व माना जाता है। इस दिन पूजा कक्ष में दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन मंदिर में दीपक जलाने से वास्तु दोष दूर होता है और घर में आर्थिक समृद्धि आती है। धनतेरस की रात श्मशान घाट पर दीपक जलाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा से जीवन में धन की वृद्धि होती है। धनतेरस की रात्रि में कुबेर और तुला का पूजन करके पूजा स्थान में रातभर जलने वाला अखंड दीपक प्रज्वलित करें। घर की तिजोरी, दुकान का गल्ला, ऐसे स्थानों पर दीपक लगाना चाहिए। धनतेरस की रात्रि में कुएं की पाल पर आटे के सात दीपक बनाकर प्रज्वलित करने से कुबेर और विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
पीपल के वृक्ष के नीचे आटे के 11 दीपक बनाकर तेल भरकर प्रज्वलित कर वहीं बैठकर श्रीसूक्त, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से विष्णु-लक्ष्मी के साथ कुबेर की कृपा भी प्राप्त होती है। तुलसी, शमी, बरगद-नीम-पीपल की त्रिवेणी में दीपक लगाएं।
धनतेरस पूजा को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। हर साल धनतेरस का त्योहार दिवाली से पहले आता है। इस दिन माता लक्ष्मी, कुबेर और धनवंतरी की भी पूजा की जाती है। आज धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, सावधानियां और महत्व क्या हैं, इस बारे में भी जान लीजिए।
कार्तिक माह की अमावस्या को दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। इस साल दीपावली 24 अक्टूबर सोमवार को है। धनतेरस दिवाली के दो दिन पहले त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान धन कुबेर, धनवंतरी और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान बताया गया है। पुराणों में लिखा है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करने से आर्थिक संपन्नता बढ़ती है और धन लाभ होता है। आज धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, सावधानियां और महत्व क्या है? इस बारे में भी जान लीजिए।

धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त–
ज्योतिषाचार्य डॉ. विनोद के मुताबिक, “धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन देवताओं के वैद्य भगवान धनवंतरी की जयंती भी मनाई जाती है। धनतेरस पर त्रयोदशी तिथि के प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा करना लाभकारी माना गया है। इस साल त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त आज यानी 22 अक्टूबर 2022 को है। त्रयोदशी तिथि आज 22 अक्टूबर शनिवार को शाम 6 बजकर 2 मिनट से हो रही है जो अगले दिन 23 अक्टूबर की शाम 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगी इसलिए 22-23 अक्टूबर दोनों दिन धनतेरस मानी जा रही है. आज 22 अक्टूबर को धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 1 मिनट से शुरू होकर रात्रि 8 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। धनतेरस पर त्रिपुष्कर शुभ योग भी बन रहा है। धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग अपराह्न 1 बजकर 50 मिनट से सायंकाल 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। इस योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होने के साथ तीन गुना फल प्राप्त होता है।”
22-23 अक्टूबर दोनों दिन कर सकते हैं खरीदारी
इस साल धनतेरस का त्योहार 22 और 23 अक्टूबर को है। इसका मतलब है कि त्रयोदशी तिथि आज 22 अक्टूबर शनिवार को शाम 6 बजकर 2 मिनट से शुरू हो रही है जो अगले दिन 23 अक्टूबर की शाम 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगी इसलिए धनतेरस की पूजा तो आज 22 अक्टूबर की शाम को ही की जानी चाहिए और खरीदारी दोनों दिन की जा सकती है।
कार, बाइक, मोबाइल, लैपटॉप खरीदने का शुभ-मुहूर्त
अगर आप भी धनतेरस पर कार, मोबाइल, बाइक या लैपटॉप खरीद रहे हैं तो उसे भी शुभ मुहूर्त से ही खरीदना चाहेंगे। तो आइए धनतेरस पर इन चीजों को खरीदने का सही समय कौन सा है? यह जान लीजिए।
कार या बाइक खरीदने का शुभ मुहूर्त: ज्योतिषाचार्य विनोद भारद्वाज के मुताबिक, मकर लग्न का शनि से बहुत बड़ा संबंध है और शनि की पहली राशि भी मकर ही है. इसलिए 23 अक्टूबर 2022 धनत्रयोदशी या धनतेरस के दिन अगर आप शनि को खुश रखना चाहते हैं, अपने वाहन को ठीक रखना चाहते हैं कि आपके वाहन खराब ना हो, एक्सीडेंट ना हो और अगर आप वाहन से कहीं जाएं तो आपका वाहन साथ दे? अगर आप ऐसा चाहते हैं तो मकर लग्न में वाहन खरीदें। लग्न दोपहर 12 बजकर 47 मिनिट से प्रारंभ हो जाएगा और 2 बजकर 29 मिनिट पर समाप्त हो जाएगा।
मोबाइल-लैपटॉप खरीदने का समय: ज्योतिषाचार्य विनोद भारद्वाज के मुताबिक, ज्योतिषाचार्य विनोद भारद्वाज के मुताबिक, वृषभ राशि शुक्र राशि का प्रतिनिधित्व करती है और मोबाइल, लैपटॉप आदि भी शुक्र का ही प्रतिनिधित्व करते हैं। शुक्र का काम भी सुख-वैभव देना है और उसी तरह मोबाइल-लैपटॉप भी आपके काम को आसान कर देते हैं। भले ही ऑफिस का काम करना हो या खाना ऑनलाइन ऑर्डर करना हो। किसी से जरूरी बात करनी हो या रास्ता देखना हो, हर काम मोबाइल-लैपटॉप से आसान हो जाते हैं। 23 अक्टूबर 2022 धनतेरस पर शाम को 6 बजकर 57 मिनिट से रात को 8 बजकर 52 मिनिट के बीच मोबाइल, लैपटॉप या कोई भी ऐसा इलेक्ट्रॉनिक सामान जो आपको सुविधा देता है खरीद सकते हैं।
सोना-चांदी खरीदने का शुभ-मुहूर्त : ज्योतिषाचार्य विनोद भारद्वाज के मुताबिक, सर्वार्थ सिद्ध योग में कोई भी काम करने से रिद्धि-सिद्धि आती हैं और काफी फायदा मिलता है। धनतेरस पर सर्वार्थ सिद्ध योग में सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन इससे बढ़ा कोई भी मुहूर्त नहीं होता। 23 अक्टूबर 2022 धनतेरस पर सर्वार्थ सिद्ध योग सुबह 6 बजकर 31 मिनिट से शुरू होगा और दोपहर 2 बजकर 34 मिनिट पर समाप्त होगा।
धनतेरस पर इस मुहूर्त में ना करें खरीदारी–
पंडितों के मुताबिक, धनतेरस पर राहु काल में खरीदारी करने से बचना चाहिए। 23 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 19 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 44 मिनट तक राहुकाल है इसलिए इस समय पर खरीदारी करने से बचें। इसके साथ ही धनतेरस के दिन सुबह 9.00 बजे से लेकर सुबह 10.30 के बीच भी खरीदारी करने से भी बचें।
धनतेरस पर पूजन की विधि–
धनतेरस पर शाम के वक्त उत्तर की ओर कुबेर और धनवंतरी की स्थापना करनी चाहिए। दोनों के सामने एक-एक मुख का घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए। भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और धनवंतरी को पीली मिठाई को भोग लगाया जाता है। पूजा के दौरान “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” का जाप करें। इसके बाद “धनवंतरि स्तोत्र” का पाठ करें। पूजा के बाद दीपावली पर कुबेर को धन स्थान पर और धनवंतरी को पूजा स्थान पर स्थापित करें।” धनतेरस पर हमेशा नई झाड़ू का प्रयोग करना चाहिए। धनतेरस की मध्य रात्रि को घर से पुरानी झाड़ू बाहर कर दें।
1- धनतेरस से पहले घर से कूड़ा-कचरा बाहर निकाल दें. अगर घर में इस दिन गंदगी रहती है तो नेगेटिव एनर्जी का विस्तार होता है।
2- धनतेरस पर घर में मां लक्ष्मी का प्रवेश मुख्य द्वार से ही होता है इसलिए मुख्य द्वार की साफ-सफाई का खास ख्याल रखें।
3- धनतेरस पर सिर्फ कुबेर भगवान की पूजा ना करें. उनके साथ मां लक्ष्मी और भगवान धनवंतरी की भी उपासना करें।
4- धनतेरस पर दिन में ना सोने की सलाह दी जाती है क्योंकि ऐसा करने से दरिद्रता आती है। धनतेरस के दिन किसी को भी उधार देने से बचें।
5- धनतेरस के दिन लोहे का सामान खरीदने से बचें क्योंकि माना जाता है कि इस दिन लोहा खरीदने से घर में दरिद्रता आती है।