Uttarakhand पलायन पर लगाम के लिए धामी सरकार की नई पहल - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
December 20, 2025
Daily Lok Manch
Recent उत्तराखंड

Uttarakhand पलायन पर लगाम के लिए धामी सरकार की नई पहल





उत्तराखंड में लंबे समय से जारी पलायन की समस्या को रोकने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए धामी सरकार ने एक नई और दूरगामी पहल की घोषणा की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रवासी पंचायतों के आयोजन का निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य राज्य से बाहर काम करने वाले उत्तराखंडियों को उनके गांवों और मूल क्षेत्रों से जोड़ना है। इस पहल के तहत सरकार प्रवासियों को स्थानीय रोजगार, स्वरोजगार, पर्यटन, कृषि, होम-स्टे, कुटीर उद्योग और अन्य संभावित अवसरों से अवगत कराएगी, ताकि वे अपने गाँव लौटकर स्थायी रूप से रोजगार प्राप्त कर सकें और राज्य के विकास में योगदान दे सकें। धामी सरकार का मानना है कि उत्तराखंड जैसे भौगोलिक रूप से संवेदनशील और पर्वतीय राज्य में पलायन केवल रोजगार का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक ढांचे को भी प्रभावित करता है। पिछले कई वर्षों में युवा वर्ग बड़े शहरों और दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहा है, जिससे पहाड़ी और ग्रामीण इलाके धीरे-धीरे खाली हो रहे हैं। इससे कृषि, स्थानीय कुटीर उद्योग, पर्यटन और पारंपरिक आजीविका पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। प्रवासी पंचायतों की पहल इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए तैयार की गई रणनीति का हिस्सा है।
इन पंचायतों के आयोजन में सरकार स्थानीय प्रतिनिधियों, पंचायतों के अधिकारियों और विकास एजेंसियों को भी शामिल करेगी, ताकि प्रवासियों की समस्याओं, सुझावों और अपेक्षाओं को सीधे सरकार तक पहुंचाया जा सके। इससे नीतियों और योजनाओं को जमीनी हकीकत के अनुसार तैयार करना आसान होगा। इसके अलावा, प्रवासी पंचायतों में रोजगार और स्वरोजगार से जुड़े व्यावहारिक प्रशिक्षण और मार्गदर्शन भी दिया जाएगा, जिससे युवाओं को अपने गांवों में ही आर्थिक रूप से सक्षम बनने के अवसर मिलेंगे। सरकार ने यह पहल ऐसे समय में की है, जब पर्यटन, कृषि और स्थानीय उद्योग के क्षेत्र में नई संभावनाएं उभर रही हैं। पर्यटन स्थलों पर होम-स्टे, गेस्ट हाउस और छोटे व्यवसाय के अवसर बढ़ रहे हैं। कृषि और बागवानी के क्षेत्र में भी नई तकनीक और निवेश के अवसर उपलब्ध हैं। प्रवासी पंचायतों के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि बाहरी राज्यों में काम कर रहे लोग इन अवसरों की जानकारी प्राप्त करें और उन्हें अपने गांव में अपनाकर रोजगार और आय के नए स्रोत विकसित करें। इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी। प्रवासी पंचायतों के माध्यम से लौटे हुए युवा न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे, बल्कि वे सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी सक्रिय भागीदारी करेंगे। इससे गांवों की सामाजिक संरचना और परंपरागत जीवनशैली को बनाए रखने में भी मदद मिलेगी। राज्य सरकार का कहना है कि प्रवासी पंचायतों की सफलता के लिए व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। इसमें सोशल मीडिया, स्थानीय मीडिया, पंचायत बैठकों और सरकारी एजेंसियों के माध्यम से प्रवासियों को कार्यक्रम की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, राज्य सरकार विभिन्न विभागों के सहयोग से रोजगार, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता से संबंधित विशेष योजनाओं की भी जानकारी प्रवासियों तक पहुंचाएगी। इस तरह, प्रवासी पंचायतें केवल संवाद का मंच नहीं, बल्कि रोजगार और विकास के अवसरों से सीधे जोड़ने का एक मजबूत माध्यम साबित होंगी।
पलायन रोकने की इस पहल से युवा वर्ग को अपने गांवों में स्थायी रोजगार और विकास के अवसर मिलेंगे। यह कदम राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ-साथ ग्रामीण और पर्वतीय इलाकों के लोगों की जीवन गुणवत्ता को भी बेहतर बनाएगा। धामी सरकार का यह उद्देश्य स्पष्ट है कि गांवों को खाली होने से बचाया जाए और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के अवसर बढ़ें। सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि भविष्य में प्रवासी पंचायतों की संख्या बढ़ाई जाएगी और इसे हर जिले में लागू किया जाएगा। पंचायतों में लौटे हुए प्रवासियों को स्थानीय संसाधनों, सरकारी योजनाओं और निवेश के अवसरों से जोड़कर उन्हें स्थायी रूप से गांव में रोजगार देने के लिए विशेष मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, राज्य सरकार उन युवाओं के लिए विशेष स्कीम तैयार कर रही है, जो शहरों और बाहरी राज्यों में काम कर रहे हैं, ताकि उन्हें गांव लौटकर स्वरोजगार और स्थानीय उद्योग में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। धामी सरकार का यह कदम राज्य के आर्थिक विकास और सामाजिक स्थिरता के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। प्रवासी पंचायतों की मदद से न केवल गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि युवा वर्ग के बीच स्थानीय संसाधनों के उपयोग और विकास की भावना भी जागृत होगी। इस पहल से राज्य में पलायन की दर में कमी आने, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और युवाओं को उनके ही राज्य में स्थायी अवसर देने की उम्मीद जताई जा रही है।




सीएम धामी ने प्रवासी पंचायतों और रिवर्स पलायन को गति देने के दिए निर्देश–



मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार, 19 दिसंबर को शासकीय आवास में ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की 10वीं बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि पलायन राज्य के लिए बड़ी चुनौती रही है, लेकिन पिछले चार-पांच वर्षों में पलायन को रोकने और लोगों को अपने गांव लौटने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आजीविका बढ़ाने हेतु कई योजनाएं लागू की गई हैं। इन योजनाओं के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को ऋण लेने पर अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिल रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य भर में प्रवासी पंचायतों का आयोजन किया जाए, जिसमें देश और विदेश में कार्यरत प्रवासियों को आमंत्रित किया जाए। उन्हें राज्य सरकार की पलायन रोकने और गांव वापसी से जुड़ी पहलों की जानकारी दी जाए और उनके सुझाव भी लिए जाएं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आयोग के सदस्यों को अन्य राज्यों में जाकर पलायन रोकने और गांव वापसी को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी देने और इस क्षेत्र में किए गए नवाचारों का अध्ययन करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने यह भी कहा कि त्रियुगीनारायण की तर्ज पर राज्य के 25 नए स्थलों को विवाह स्थल के रूप में विकसित किया जाए। इन स्थलों में सभी मूलभूत सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी ने बताया कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अब गांव वापसी का रुझान देखने को मिल रहा है। अब तक 6,282 व्यक्ति अपने गांव लौट चुके हैं, जिनमें देश और विदेश से लौटे लोग शामिल हैं। अधिकतर लोग पर्यटन और छोटे उद्योग के क्षेत्र में कार्यरत हैं और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
बैठक में आयोग के सदस्यों ने गांव वापसी को और गति देने के लिए कई रचनात्मक सुझाव प्रस्तुत किए। इस अवसर पर सचिव विनय शंकर पाण्डेय, धीराज गर्ब्याल, डॉ. श्रीधर बाबू अद्दांकी, सी. रविशंकर, अपर सचिव अनुराधा पाल, डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, चन्द्र सिंह धर्मशक्तू, संतोष बडोनी, सुरेश जोशी, आयोग के सदस्य अनिल सिंह शाही, दिनेश रावत, सुरेश सुयाल, राम प्रकाश पैन्यूली और रंजना रावत उपस्थित रहे।

Related posts

राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में कई पदों पर निकली भर्तियां, आवेदन शुरू

admin

यूक्रेन से पहला विमान भारत पहुंचा, छात्रों के चेहरों पर दिखाई दी खुशी, स्वागत करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री के साथ सेल्फी भी ली

admin

Uttarakhand IAS PCS Transfer उत्तराखंड में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, धामी सरकार ने 25 आईएएस और 13 पीसीएस अधिकारियों के किए ट्रांसफर, देखिए किसको कहां मिली नई तैनाती

admin

Leave a Comment