इस साल चार धाम यात्रा के लिए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने की संख्या हर दिन तेजी के साथ बढ़ती जा रही है। गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट 22 अप्रैल, केदारनाथ के 25 व बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। इस साल चार धाम यात्रा को लेकर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस साल चार धाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू होगी। प्रथम चरण में केदारनाथ और बदरीनाथ धामों के लिए पंजीकरण किए जाएंगे। दोनों धामों के लिए प्रतिदिन 55 से 60 प्रतिशत पंजीकरण होंगे। चार दिन के भीतर केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के लिए पंजीकरण की संख्या एक लाख पहुंच गई है। चारधाम यात्रा में इस बार पिछली बार की अपेक्षा अधिक तीर्थ यात्रियों के पहुंचने की संभावना व्यक्त की जा रही है। चारधाम यात्रा के शुरू किए गए पंजीकरण से भी यह संकेत मिल रहे हैं। चार दिन में ही बदरीनाथ व केदारनाथ धामों के लिए 97 हजार से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। गंगोत्री व यमुनोत्री धामों के लिए अभी पंजीकरण प्रारंभ नहीं हुए हैं। इस साल चार धाम यात्रा को लेकर धामी सरकार श्रद्धालुओं के लिए नई गाइडलाइन जारी कर सकती है। देश के इन 4 बड़े व प्रसिद्ध मंदिरों से अनुभव लेकर लौटी बदरी-केदार मंदिर समिति की टीम ने सबसे पहला प्रस्ताव यह दिया है कि चारों धामों में पूरी तरह से मोबाइल और कैमरा प्रतिबंधित किया जाए।दरअसल, यूट्यूब और रील्स के बढ़ते चलन के बाद पिछली चारधाम यात्रा के दौरान कई ब्लॉगर और यूट्यूबर केदारनाथ मंदिर परिसर से तरह-तरह के वीडियो और रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर डाल रहे थे, जिसके बाद इसका काफी विरोध भी हुआ था। ऐसे में मंदिर समिति चारों धामों में मोबाइल और कैमरे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा सकती है। चारधाम यात्रा को लेकर जिस तरह का उत्साह दिख रहा है, उसे देखते हुए सरकार ने अभी से तैयारियों में जुट गई है, ताकि यह सुगम व सुरक्षित हो सके। इसी कड़ी में चारों धामों के साथ ही प्रमुख यात्रा पड़ावों पर ड्रोन कैमरों के माध्यम से निगरानी करने की तैयारी है। भीड़ प्रबंधन के दृष्टिगत इस विषय को लेकर उच्च स्तर पर गंभीरता से मंथन चल रहा है। जल्द ही इस सिलसिले में अंतरविभागीय बैठक प्रस्तावित है, जिसमें ड्रोन से निगरानी की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। चार धाम यात्रा ड्यूटी में तैनात पर्यटन पुलिस को इस बार विभिन्न राज्यों की भाषाओं का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि दक्षिण भारत क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालुओं को भाषायी आधार पर समस्या का सामना न करना पड़े।पिछले साल चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड यात्री आए थे। ऐसे में इस बार भी चारधाम यात्रा पर रिकॉर्ड यात्रियों के आने की उम्मीद है। उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए यात्रियों को एक पहचान पत्र की आवश्यकता होगी। इसके लिए वे आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं। यात्रा पंजीकरण को यात्रा ई-पास, यात्रा परमिट या पंजीकरण कार्ड के रूप में भी संदर्भित किया जा सकता है। इसके जरिए यात्रा में खाने और रहने जैसी सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे।