उत्तराखंड में विकास की दिशा को नई गति देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार ने एक साथ कई बड़े और दूरगामी फैसले लिए, जिनका सीधा असर राज्य की सड़क सुरक्षा, कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य सेवाओं, पर्यटन, शिक्षा और शहरी सुविधाओं पर पड़ने वाला है। धामी सरकार ने जहां राज्य राजमार्गों पर स्थित 235 पुलों के अपग्रेड और सुदृढ़ीकरण को मंजूरी देकर सड़क ढांचे को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है, वहीं सड़क, रोपवे, स्वास्थ्य, आवास, शिक्षा और आधारभूत संरचना से जुड़ी अनेक परियोजनाओं के लिए करोड़ों रुपये की धनराशि भी स्वीकृत की है। सरकार के इन फैसलों को उत्तराखंड के समग्र विकास की दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब राज्य पर्वतीय भूगोल, आपदाओं की चुनौती और बढ़ती यातायात जरूरतों के दौर से गुजर रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि उत्तराखंड जैसे संवेदनशील और भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण राज्य में सड़कें और पुल केवल यातायात के साधन नहीं हैं, बल्कि वे जीवनरेखा की तरह हैं। राज्य के कई हिस्सों में मौजूद पुल वर्षों पुराने हैं, जो वर्तमान यातायात दबाव, भारी वाहनों और आपातकालीन सेवाओं की जरूरतों के अनुरूप नहीं रह गए थे। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने राज्य राजमार्गों पर 235 पुलों के अपग्रेडेशन का फैसला लिया है। इन पुलों को आधुनिक मानकों के अनुसार मजबूत किया जाएगा, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आने, भारी वाहनों की सुरक्षित आवाजाही और आपदा के समय राहत व बचाव कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है। यह निर्णय चारधाम यात्रा मार्गों, सीमावर्ती क्षेत्रों और दूरस्थ ग्रामीण इलाकों के लिए भी राहत भरा माना जा रहा है। धामी सरकार का मानना है कि पुलों और सड़कों की मजबूती से न केवल आम लोगों की रोजमर्रा की आवाजाही आसान होगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। पर्यटन, कृषि, उद्योग और व्यापार सीधे तौर पर बेहतर कनेक्टिविटी से जुड़े हुए हैं। खासकर चारधाम यात्रा और अन्य धार्मिक व पर्यटन स्थलों की ओर बढ़ते यातायात को देखते हुए यह फैसला लंबे समय तक असर दिखाने वाला माना जा रहा है। इसी कड़ी में धामी सरकार ने सड़क, रोपवे और स्वास्थ्य से जुड़ी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को भी हरी झंडी दी है। मुख्यमंत्री ने राज्य में विभिन्न विकास योजनाओं के लिए कुल 183.97 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। इस राशि में मसूरी तथा रानीबाग (काठगोदाम) से नैनीताल मार्ग पर रोपवे निर्माण के फिजिबिलिटी अध्ययन के लिए 3.30 करोड़ रुपये शामिल हैं।
चार धाम यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों और स्थानीय लोगों को मिलेगी बड़ी सुविधा–
पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे परियोजनाओं को सरकार भविष्य की परिवहन व्यवस्था के तौर पर देख रही है, क्योंकि इससे न केवल समय की बचत होती है, बल्कि सड़क यातायात का दबाव भी कम होता है। मसूरी और नैनीताल जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर रोपवे बनने से पर्यटकों को सुविधा मिलने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा यमुनोत्री क्षेत्र में बड़कोट-पौंटी मोटर मार्ग के डामरीकरण और हेलीपैड की बाउंड्री निर्माण के लिए 1.89 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। चारधाम यात्रा के लिहाज से यह इलाका बेहद महत्वपूर्ण है और सड़क व हवाई सुविधाओं के सुदृढ़ होने से तीर्थयात्रियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। सरकार का जोर इस बात पर है कि चारधाम यात्रा मार्गों को हर मौसम में सुचारु और सुरक्षित बनाया जाए, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई संभव हो सके। हरिद्वार जिले में मंगलौर-रुड़की आवासीय परियोजना के अंतर्गत मार्ग निर्माण के लिए 2.49 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। शहरी क्षेत्रों में बढ़ती आबादी और आवासीय जरूरतों को देखते हुए यह फैसला महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बेहतर सड़कें न केवल रहवासियों को सुविधा देंगी, बल्कि शहरी विकास को भी नई दिशा देंगी। स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से धामी सरकार ने राजकीय मेडिकल कॉलेज, रुद्रपुर के निर्माण कार्यों के एस्टीमेट के लिए 35 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। प्रदेश के तराई क्षेत्र में आधुनिक मेडिकल सुविधाओं के विस्तार की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। सरकार का मानना है कि मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य संस्थानों को मजबूत किए बिना आम लोगों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराना संभव नहीं है। रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के विकास से न केवल ऊधम सिंह नगर जिले बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लोगों को भी लाभ मिलेगा और उन्हें बड़े शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही शहरी और सामाजिक सुविधाओं के विस्तार पर भी सरकार ने ध्यान दिया है। नगर पंचायत गूलरभोज क्षेत्र के कोपा स्थित श्मशान घाट के निर्माण और नवीनीकरण के लिए 80 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। नगर निगम कोटद्वार क्षेत्र में एबीसी सेंटर के निर्माण के लिए 2.68 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, जिससे आवारा पशुओं की समस्या के समाधान में मदद मिलने की उम्मीद है। क्लस्टर विद्यालय योजना के अंतर्गत देहरादून और टिहरी जिलों में चिह्नित तीन विद्यालयों के निर्माण कार्यों के लिए 5.46 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जो शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। धामी सरकार ने उत्तराखंड निवेश एवं आधारिक संरचना विकास बोर्ड के अंतर्गत शारदा घाट पुनर्विकास परियोजना के लिए 107.35 करोड़ रुपये की मंजूरी भी दी है। शारदा घाट क्षेत्र का पुनर्विकास धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
सुरक्षा और न्यायिक प्रक्रिया को आधुनिक बनाने की दिशा में भी सरकार ने कदम उठाया है। राज्य के सभी जनपदों में पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय परिसरों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग संसाधनों के माध्यम से साक्षियों की परीक्षा कराने के लिए 21 जनरेटर खरीदने हेतु 15.55 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। इससे न्यायिक प्रक्रिया को तेज करने, साक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और समय व संसाधनों की बचत में मदद मिलेगी। इसके अलावा ऊधम सिंह नगर जिले के खटीमा विधानसभा क्षेत्र में बिगराबाग से चकरपुर तक मार्ग को उच्चीकृत कर एक लेन से डेढ़ लेन किए जाने के लिए 9.45 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण इस मार्ग का सामरिक और आर्थिक महत्व भी बताया जा रहा है। सड़क चौड़ीकरण से स्थानीय लोगों के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियों को भी सुविधा मिलेगी। इन सभी फैसलों के बीच राज्य राजमार्गों पर 235 पुलों के अपग्रेडेशन का निर्णय सबसे अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह पूरे राज्य की सड़क व्यवस्था को नई मजबूती देगा। सरकार का कहना है कि पुलों की स्थिति का तकनीकी सर्वे कर उन्हें चरणबद्ध तरीके से आधुनिक बनाया जाएगा। जहां जरूरत होगी वहां चौड़ीकरण, भार क्षमता बढ़ाने और सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जाएगा। इससे पर्वतीय इलाकों में भूस्खलन और आपदा के समय पुलों के क्षतिग्रस्त होने की आशंका को भी कम किया जा सकेगा।
माना जा रहा है कि एक साथ सड़क, पुल, रोपवे, स्वास्थ्य, शिक्षा और शहरी सुविधाओं पर निवेश से राज्य में विकास का संतुलित मॉडल सामने आएगा। धामी सरकार का यह विकास पैकेज उत्तराखंड को आने वाले वर्षों के लिए तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। सरकार ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि बुनियादी ढांचे को मजबूत किए बिना राज्य का समग्र विकास संभव नहीं है। सड़क और पुलों की मजबूती, रोपवे जैसी आधुनिक परिवहन व्यवस्था, स्वास्थ्य और शिक्षा संस्थानों का विस्तार तथा शहरी सुविधाओं का विकास ये सभी मिलकर उत्तराखंड की तस्वीर और तकदीर बदलने की दिशा में अहम साबित हो सकते हैं।
धामी सरकार ने सड़क-रोपवे-स्वास्थ्य परियोजनाओं को दी हरी झंडी
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