आखिरकार वह घड़ी आ गई जब अरब सागर से उठा प्रलयकारी महातूफान बिपरजॉय ने गुजरात के समुद्री तटों के किनारे तांडव मचाना शुरू कर दिया है। गुजरात के लिए आज रात बहुत ही भारी है। हालांकि पहले से ही तय था यह चक्रवाती तूफान सबसे ज्यादा गुजरात में ही तबाही मचाएगा। इस महातूफान को देखते हुए केंद्र से लेकर गुजरात सरकार और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत सेना अलर्ट पोजीशन पर बनी हुई हैं। लेकिन इस प्राकृतिक आपदा का कहर इतना तेज है कि यह रास्ते में सभी को उखाड़ फेंक रहा है। गुरुवार यानी आज रात 8 बजे से महातूफान बिपरजॉय ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है।
गुजरात के कई जिलों में तबाही के साथ दहशत का माहौल है। इस महातूफान को लेकर राजधानी अहमदाबाद से लेकर राजधानी दिल्ली तक सरकारें नजरें बनाई हुई हैं। एक बात जरूर है कल शुक्रवार, 17 जून की सुबह गुजरात के लिए अच्छी नहीं रहने वाली है। हालांकि इस महातूफान के डर के मारे गुजरात के करीब 10 जिलों में लोगों को शायद नींद नहीं आएगी। इसके अलावा राज्य में कई ऐसे जिले हैं जो इस चक्रवाती तूफान से ज्यादा खतरा नहीं है। गुजरात के लोग कल सुबह जब नींद पूरी करके उठेंगे उन्हें चारों तरफ तबाही का मंजर दिखाई देगा। यह बताते हैं गुजरात में इस समय चक्रवाती तूफान बिपरजॉय कहां-कहां तांडव मचा रहा है।
चक्रवात बिपरजॉय गुजरात के जखौ पोर्ट से टकराना शुरू हो गया है। इससे तटीय इलाकों में 125 से 135 किमी घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। तूफान की चपेट में गुजरात के 10-12 जिले हैं, लेकिन असर कई राज्यों में होगा। हालांकि तूफान के टकराने से पहले ही गुजरात में जगह-जगह बर्बादी का दौर शुरू हो गया। सौराष्ट्र के तटीय इलाकों में बड़े-बड़े पेड़ व बिजली के सैकड़ों पोल तक उखड़ गए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित द्वारका जिले के तो 38 गांवों में पेड़ों के गिरने की खबर है।
सैकड़ों कच्चे मकान ध्वस्त हो चुके हैं। कई इलाकों में समुद्र का पानी घुस गया है। जिन इलाकों में तूफान का खतरा सबसे ज्यादा है, वहां चप्पे-चप्पे पर सेना और एनडीआरएफ के जवान तैनात हैं। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का कच्छ में लैंडफॉल शुरू हो गया है। सौराष्ट्र के सभी इलाकों में भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक मध्य रात्रि तक लैंडफॉल जारी रहेगा। इसके बाद तूफान कमजोर होकर राजस्थान की ओर मुड़ जाएगा। हालांकि, उससे पहले कच्छ, जामनगर और द्वारका में तेज हवाओं के चलते इलेक्ट्रिक पोल्स और पेड़ों के गिरने की तस्वीरें सामने आ रही है। इन इलाकों की बिजली भी काट दी गई है।सौराष्ट्र और कच्छ में इसका ज्यादा असर हो सकता है। महाराष्ट्र और राजस्थान में भी इसका असर देखा जा रहा है। समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं।
कई जिलों में भारी बारिश हो रही है। साइक्लोन बिपरजॉय के प्रभाव के रूप में मोरबी में भी तेज हवाओं के साथ भारी बारिश रही है। पूरे सौराष्ट्र में इस वक्त साइक्लोन बिपरजॉय के लैंडफॉल का असर दिख रहा है। द्वारका और जामनगर से भी भारी बारिश और तेज हवाओं के चलते कई जगहों पर इलेक्ट्रक पोल और पेड़ गिरने की खबरें आ रही है। गुजरात के द्वारका जिले में पेड़ गिरने की घटनाओं में कम से कम तीन लोग घायल हो गए। जखाऊ और मांडवी कस्बों के पास कई पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए हैं। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि कच्छ जिले में घर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली टिन की चादरें उड़ गईं। उन्होंने कहा कि गुजरात पुलिस, एनडीआरएफ और सेना की टीमें द्वारका के विभिन्न हिस्सों में उखड़े हुए पेड़ों और बिजली के खंभों को हटाने के लिए काम कर रही हैं। मौसम विभाग ने बताया कि तूफान का लैंडफॉल आधी रात तक जारी रहेगा।
कच्छ और सौराष्ट्र के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। यहां तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है। कई इलाकों में पेड़ और खंभे गिरने लगे हैं। 94 हजार से ज्यादा लोगों को तटीय इलाकों से रेस्क्यू किया गया है। कोस्ट गार्ड ने 15 जहाज और 7 एयरक्राफ्ट तैयार रखे हैं। NDRF की 27 टीमें भी तैनात की गई हैं।चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के खतरे को लेकर केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक सब अलर्ट पर हैं। गुजरात में एनडीआरएफ की 17 टीमें और एसडीआरएफ की 12 टीमें तैनात हैं।

वहीं, नौसेना के 4 जहाज अभी स्टैंडबाय में रखे गए हैं। तट के पास रहने वाले 74,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, गुजरात और महाराष्ट्र समेत 9 राज्यों पर महातूफान का असर है। ये 9 राज्य लक्षद्वीप, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और राजस्थान (पश्चिमी) हैं। गुजरात में विनाशकारी तूफान ने कितनी तबाही मचाई, कल ही पता चलेगा जब सुबह होगी।
Update
तूफान के कारण करीब 22 लोग घायल हो गए हैं। अभी तक किसी के मरने की खबर नहीं है। 23 पशुओं की मौत हो गई है, 524 पेड़ गिर गए हैं और कुछ जगहों पर बिजली के खंभे भी गिर गए हैं, जिससे 940 गांवों में बिजली नहीं है: आलोक पांडे, गुजरात के राहत आयुक्त