Gazipur court Gangster Mukhtar Ansari Punishment : माफिया मुख्तार अंसारी को लेकर कोर्ट ने 10 साल की सुनाई सजा, छोटे भाई अफजाल अंसारी पर भी कुछ देर में आएगा फैसला, जा सकती है सांसदी - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
September 13, 2025
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Gazipur court Gangster Mukhtar Ansari Punishment : माफिया मुख्तार अंसारी को लेकर कोर्ट ने 10 साल की सुनाई सजा, छोटे भाई अफजाल अंसारी पर भी कुछ देर में आएगा फैसला, जा सकती है सांसदी



उत्तर प्रदेश के बाहुबली मुख्तार अंसारी को लेकर आज गाजीपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। अदालत ने मुख्तार अंसारी को 10 साल की जेल और पांच लाख का जुर्माना लगाया है। 2007 में दर्ज केस के लिए कृष्णानंद राय मर्डर केस और नंद किशोर रुंगटा अपहरण कांड को आधार बनाया गया था। मुख्तार अंसारी वीडियो काफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ जबकि उसका भाई अफजाल अंसारी अदालत में मौजूद है। वहीं, गैंगस्टर एक्ट में ही आरोपी मुख्तार के सांसद भाई अफजाल पर कोर्ट थोड़ी देर में फैसला सुनाएगी। अगर अफजाल अंसारी को दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो उनकी संसद सदस्यता जा सकती है। बता दें कि यूपी के मुहम्मदाबाद से भारतीय जनता पार्टी के विधायक कृष्णानंद राय की 29 जून 2005 को हत्या कर दी गई थी। इस हमले में उनके छह साथी भी मारे गए थे। बताते हैं कि इस हत्याकांड में 400 राउंट गोलियां चली थीं। इस हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी पर लगा। हालांकि, अपने रसूख का इस्तेमाल करके और गवाहों को धमकाकर मुख्तार व उसके भाई अफजाल ने खुद को 2019 में अदालत से बरी करवा लिया, लेकिन दोनों के खिलाफ 2007 में गैंगेस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस केस में 2005 में कृष्णानंद राय हत्याकांडड और नंद किशोर रूंगटा अपहरण मामले को आधार बनाया गया था, जिस पर अदालत ने फैसला सुनाया है। बता दें कि साल 2007 में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था।

BREAKING Gazipur MP MLA Court Afjal Ansari : अफजाल अंसारी दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई 4 साल की सजा, सांसदी भी जाना तय

अब करीब 16 साल बाद इस मामले में फैसला आया है। बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या और एक कोयला व्यापारी के अपहरण केस के बाद दोनों भाइयों पर गैंगस्टर एक्ट लगा था। सियासी अदावत से ही मुख्तार अंसारी का नाम बड़ा हुआ और वो साल था 2002, जिसने मुख्तार की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया। इसी साल बीजेपी के विधायक कृष्णानंद राय ने अंसारी परिवार के पास साल 1985 से रही गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट छीन ली। कृष्णानंद राय विधायक के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके और तीन साल बाद यानी साल 2005 में उनकी हत्या कर दी गई थी।29 नवंबर 2005 को बीजेपी विधायक राय एक क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करने जा रहे थे। टूर्नामेंट पास के गांव में था। इसलिए वे बुलेट प्रूफ गाड़ी की जगह सामान्य वाहन से चले गए। यहां से जब वो लौटने लगे, तब भावंरकोल की बसनिया पुलिया के पास एसयूवी गाड़ी उनकी गाड़ी के सामने आकर खड़ी हो गई। विधायक और उनके साथी कुछ भी समझ पाते, इससे पहले ही एसयूवी से 8 लोग उतरे और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। एके-47 से तकरीबन 500 राउंड फायरिंग की गई। विधायक और उनके साथ गाड़ी पर सवार 6 लोग और गाड़ी भी छलनी हो गई। विधायक कृष्णानंद राय समेत 7 शवों का जब पोस्टमॉर्टम हुआ, तो सभी के शरीर से कुल 67 बुलेट मिलीं। मृतकों में विधायक के अलावा मोहम्दाबाद के पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्याम शंकर राय, भांवरकोल ब्लॉक के मंडल अध्यक्ष रमेश राय, अखिलेश राय, शेषनाथ पटेल, मुन्ना यादव और उनके अंगरक्षक निर्भय नारायण उपाध्याय थे। इस हत्याकांड के बाद पूरा पूर्वांचल दहल उठा। विधायक के समर्थक तोड़फोड़ पर उतर आए, जमकर आगजनी की गई। विधायक की पत्नी अलका राय ने मुख्तार, अफजाल अंसारी के अलावा मुन्ना बजरंगी समेत अन्य कई के खिलाफ केस दर्ज करवाया। अलका चाहती थीं कि इस वारदात की जांच सीबीआई करे। कुछ दिन तक सीबीआई ने केस की जांच की, लेकिन फिर केस छोड़ दिया। हत्याकांड के विरोध में राजनाथ सिंह ने चंदौली में धरना दिया था। इसके बाद केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई। सीबीआई ने मुख्तार अंसारी को मुख्य साजिशकर्ता माना था। मुख्तार मऊ विधानसभा क्षेत्र से 5 बार विधायक रह चुके हैं। 2005 में मऊ में भड़की हिंसा में नाम सामने आने पर उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया था।

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