(उत्तराखंड में पहली बार आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों का हल्द्वानी में 14 फरवरी को यादगार समापन हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में राष्ट्रीय खेलों का सफल आयोजन करा कर साबित कर दिया है कि वह राजनीति के साथ खेल के मैदान में भी “माहिर” हैं । दिल्ली विधानसभा चुनाव समेत कई कार्यक्रमों की व्यस्तता के बावजूद मुख्यमंत्री धामी हर दिन नेशनल गेम्स की व्यवस्थाएं और खिलाड़ियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो, मॉनिटरिंग करते रहे। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन स्थल देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी समेत कई जगहों पर मुख्यमंत्री खुद ग्राउंड पर पहुंचे और खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया। इसके साथ उन्होंने खिलाड़ियों को किसी चीज की कमी न हो, इसका भी बारीकी से ध्यान रखा। सीएम धामी ने राष्ट्रीय खेलों की ओपनिंग सेरिमनी और क्लोजिंग सेरेमनी को भव्य और शानदार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। समापन समारोह में पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह ने सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी और अच्छे प्रबंधन के लिए सीएम धामी की सराहना की। दूसरे प्रदेशों से आए हजारों खिलाड़ी, कोच और आयोजक सुनहरी यादें लेकर विदा हुए। 18 दिन रहने के बाद उत्तराखंड से जाने पर सभी के चेहरों पर मायूसी थी, लेकिन इस उम्मीद के साथ कि अगले साल 2026 में मेघालय में होने वाले 39वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में फिर मिलेंगे। )
उत्तराखंड में कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में 14 फरवरी की शाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। उत्तराखंड में पहली बार आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों का हल्द्वानी में यादगार समापन हुआ। हल्द्वानी के लाखों लोगों ने खेल का इतना बड़ा भव्य आयोजन पहली बार देखा। क्लोजिंग सेरेमनी में पूरा हल्द्वानी खेलमय दिखाई दिया । स्टेडियम में बैठे हजारों की संख्या में स्थानीय लोग और युवाओं के चेहरे बता रहे थे यह यादगार समापन समारोह कभी खत्म न हो, यूं ही चलता रहे। शहरवासियों ने उत्तराखंड के साथ अन्य प्रदेशों से आए खिलाड़ियों का तालियां बजाकर खूब गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। दूसरे प्रदेशों से आए हजारों खिलाड़ी, कोच और आयोजक सुनहरी यादें लेकर विदा हुए। 18 दिन रहने के बाद उत्तराखंड से जाने पर सभी के चेहरों पर मायूसी थी, लेकिन इस उम्मीद के साथ कि अगले साल 2026 में मेघालय में होने वाले 39वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में फिर मिलेंगे। उत्तराखंड में हुए राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों की ओर से नए राष्ट्रीय रिकार्ड बनाए हैं। इन रिकार्ड से अंतरराष्ट्रीय खेलों में आगे भी भारत के लिए पदक की उम्मीद जगी है। राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड को पहली बार मेजबानी करने का मौका मिला। सरकार व खिलाड़ियों ने अपने-अपने स्तर से तैयारियां शुरू कर दी थी। धामी सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर व खेल मैदानों को सुधारा और प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 38वें राष्ट्रीय खेल कराकर यह साबित कर दिया कि उत्तराखंड राज्य अब खेल के बड़े से बड़े इवेंट कराने के लिए भी तैयार है। वहीं दूसरी ओर धामी सरकार ने राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की आवभगत में कोई कमी नहीं की। राज्य गठन के बाद उत्तराखंड में पहला ऐसा मौका था जब खेलों के महाकुंभ का आयोजन किया गया। देश में मझे हुए नेता के रूप में उभरे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेलों का सफल आयोजन करा कर साबित कर दिया है कि वह राजनीति के साथ खेल के मैदान में भी “माहिर” हैं । दिल्ली विधानसभा चुनाव समेत कई कार्यक्रमों की व्यस्तता के बावजूद भी मुख्यमंत्री धामी हर दिन नेशनल गेम्स की व्यवस्थाएं और खिलाड़ियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो, मॉनिटरिंग करते रहे। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन स्थल देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी समेत कई जगहों पर मुख्यमंत्री खुद ग्राउंड पर पहुंचे और खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया। इसके साथ उन्होंने खिलाड़ियों को किसी चीज की कमी न हो, इसका भी बारीकी से ध्यान रखा। कम संसाधनों के बाद भी सीएम धामी के कुशल मैनेजमेंट की बदौलत ही उत्तराखंड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों की पूरे देश भर में खूब प्रशंसा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम खेल से जुड़े आयोजकों ने सीएम धामी को खेलों के सफल आयोजन करने को लेकर सराहना की। मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने के बाद पुष्कर की धामी ने राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए “खेल नीति” भी बनाई हुई है। सीएम धामी के इस फैसले के बाद राज्य के युवाओं में खेल के प्रति नई अलख जगी है। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे राज्य की दृष्टि से 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन बहुत महत्वपूर्ण है। लोगों में बहुत खुशी है। पूरे प्रदेश में खेलों का एक नया वातावरण बना है। वहीं उत्तराखंड ने देश भर के एथलीटों, अधिकारियों और दर्शकों का गर्मजोशी से स्वागत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी । अपने लुभावने परिदृश्य और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाने वाला यह राज्य विश्व स्तरीय खेल सुविधाओं को अपनी विशिष्ट गर्मजोशी के साथ जोड़ता है, जिससे सभी प्रतिभागियों के लिए एक सहज और यादगार अनुभव हमेशा बना रहेगा।

उत्तराखंड ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 103 मेडल जीतकर सातवां स्थान प्राप्त किया–
उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में देश भर के खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उत्तराखंड के खिलाड़ियों के लिए भी यह राष्ट्रीय खेल मील का पत्थर साबित हुआ। इस बार राष्ट्रीय खेलों की अंक तालिका में उत्तराखंड ने सातवां स्थान हासिल किया। उत्तराखंड ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 103 मेडल अपने नाम किए हैं। 103 मेडल में 24 गोल्ड, 35 सिल्वर और 44 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। वहीं, पदक सूची की बात करें, तो उत्तराखंड पदक सूची में 37वें राष्ट्रीय खेलों में 25वें स्थान से 7वें स्थान पर पहुंच गया । बड़ी उपलब्धि ये है कि उत्तराखंड ने गत वर्ष की टॉप पांच में रहने वाले केरल, मणिपुर, दिल्ली, गोवा जैसे बड़े राज्यों को पछाड़ दिया। इस आयोजन से देवभूमि के युवाओं में भी खेल के प्रति नई ऊर्जा का संचार हुआ है। उत्तराखंड को खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कुछ समय जरूर लग सकता है, लेकिन डोर अगर सही हाथों में रही, तो पतंग को ऊंची उड़ान भरने से कोई नहीं रोक सकता। वहीं सरकार खेल में ख्याति प्राप्त खिलाड़ियों को अनेक पुरस्कारों से सम्मानित करती है, अर्जुन एवं द्रोणाचार्य जैसे पुरस्कार इसी श्रेणी के खेल रत्न पुरस्कार है जो भारत में खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हेतु सरकार द्वारा खिलाड़ियों और गुरुओं को प्रदान किए जाते हैं। आज सरकारी व निजी क्षेत्रों में खिलाड़ियों के लिए नौकरियां पाने के कई अवसर है। रेलवे, एअर इंडिया, भारत पेट्रोलियम, ओएनजीसी, आईओसी- जैसी सरकारी संस्थाओं के साथ-साथ टाटा अकादमी, जिंदल ग्रुप जैसे निजी समूह भी खेलों व खिलाड़ियों के विकास व प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध है। खेल महज मनोरंजन का साधन नहीं रहा है बल्कि बेहतरीन करियर निर्माण का एक शानदार विकल्प भी है। किसी राष्ट्र की प्रतिष्ठा खेलों में उसकी उत्कृष्टता से बहुत कुछ जुड़ी होती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में अच्छा प्रदर्शन केवल पदक जीतने तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह किसी राष्ट्र के स्वास्थ्य, मानसिक अवस्था एवं लक्ष्य के प्रति सजगता को भी सूचित करता है।
राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन को लेकर पीएम मोदी और अमित शाह ने सीएम धामी की सराहना की–
राष्ट्रीय खेलों की ओपनिंग सेरिमनी 28 जनवरी को राजधानी देहरादून के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में हुई थी। इस आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि थे। खेलों की ओपनिंग सेरेमनी के दौरान पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की खूब सराहना की थी। नेशनल गेम्स की क्लोजिंग सेरेमनी को भव्य बनाने के लिए धामी सरकार ने विशेष तैयारी की। राष्ट्रीय खेलों का समापन समारोह हल्द्वानी के गौलापार स्थित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित हुआ। जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इसके साथ ही केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया, मेघालय के मुख्यमंत्री कोंगकल संगमा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत कई दिग्गज मौजूद रहे। समापन समारोह में हल्द्वानी का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम खचाखच भीड़ से भरा रहा। जिसमें हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। समापन समारोह को यादगार बनाने के लिए भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम में सुखविंदर, कुमाऊंनी अभिनेत्री श्वेता महारा और दिगारी ग्रुप ने अपनी प्रस्तुतियां दी। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने उत्तराखंड में हुए 38वें नेशनल गेम्स की समापन की घोषणा की। जिसके बाद राष्ट्रीय खेलों का ध्वज उतारकर 39वें राष्ट्रीय खेल के लिए मेघायल के सीएम को सौंपा गया। समापन समारोह के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खिलाड़ियों को सम्मानित किया। 38वें राष्ट्रीय खेलों में नंबर वन पर स्पोर्ट्स सर्विस कंट्रोल बोर्ड रहा, जबकि दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र और सेकंड रनरअप हरियाणा रहा। क्लोजिंग सेरेमनी के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय खेलों के आयोजन पर उत्तराखंड सरकार की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने खेलों के लिए प्रदेश में एक बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर दिया है। जिससे खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। इस दौरान अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को देवभूमि के साथ खेल भूमि बनाने पर बधाई दी। शाह ने कहा कि अब यह देवभूमि खेल भूमि के नाम से भी जानी जाएगी। राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड ने भी शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा उत्तराखंड नेशनल गेम्स में 25वे नंबर से सातवें नंबर पर पहुंचा है। इस दौरान अमित शाह ने सभी खिलाड़ियों को बधाई दी। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कि यह उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है, कि हमें देवभूमि में राष्ट्रीय खेलों के आयोजन का मौका मिला। जिसका राज्य सरकार ने सफल और भव्य आयोजन कराया है। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र सरकार का आभार जताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राष्ट्रीय खेल में देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर, हल्द्वानी और ऋषिकेश जैसे मैदानी शहरों के साथ ही अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और टिहरी जैसे सुदूर पहाड़ी स्थानों में भी खेल स्पर्धाएं आयोजित की गई। चकरपुर जैसे एक छोटे से कस्बे में भी राष्ट्रीय खेलों की प्रमुख स्पर्धा का आयोजन हुआ। राष्ट्रीय खेल में जितने भी वाटर स्पोर्ट्स के इवेंट्स हुए, सभी को उत्तराखंड की हाई अल्टिट्यूड पर स्थित झीलों एवं नदियों में आयोजित किया गया। इन खेलों के आयोजन के लिए अस्थाई निर्माण की बजाय प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर स्थाई स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का प्रयास किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों को सफलतापूर्वक आयोजन के साथ उत्तराखंड ने इन खेलों में 24 स्वर्ण पदकों के साथ रिकॉर्ड 103 पदक अर्जित किए। इन परिणामों से हमारे युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि “अतिथि देवो भवः“ की प्राचीन परंपरा के अनुसार खेलों के आयोजन के दौरान प्रयास किया गया कि विभिन्न राज्यों से पधारे खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो।
उल्लेखनीय है कि 38वें राष्ट्रीय खेलों में 35 खेल स्पर्धाएं शामिल थीं, जिनमें से दो को छोड़कर बाकी सभी टेली-स्पोर्ट्स थीं। बहु-खेल स्पर्धा के लिए मुख्य आयोजन स्थल देहरादून था, जबकि हल्द्वानी, हरिद्वार और रुद्रपुर जैसे शहरों में भी कई प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। इस आयोजन का एक अनूठा पहलू खटीमा, टनकपुर, अल्मोड़ा और टिहरी जैसे दूरदराज के पहाड़ी इलाकों में खेल गतिविधियों को शामिल करना था।