उत्तराखंड में कई दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश लोगों पर आफत बनकर टूट पड़ी है। भारी बारिश ने जहां लोगों का जीना दुभर कर दिया है वहीं दूसरी ओर लक्सर आदि क्षेत्रों के गांवों के घरों में पानी घुसने से हाहाकार मच गया है। लगभग 40 हजार की आबादी को जोड़ने वाला आन्नेकि हेतमपुर पुल बैठ गया, जिससे सिडकुल, रोशनाबाद कचहरी आदि जगह पर आने वाले लोगों का संपर्क कट गया हैं। जलभराव से हरिद्वार के हालात बिगड़ गए हैं। 30 से अधिक इलाकों में भारी जलभराव होने से 3 स्टेट हाईवे सहित कुल 13 मार्ग आंशिक या पूरे तौर पर बंद है, बिजली पानी और स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित है। जिससे लाखों लोग प्रभावित हो गए हैं। प्रशासन को राहत और बचाव कार्य के लिए सेना को बुलाना पड़ा है। गुरुवार 13 जुलाई को हरिद्वार में अत्यधिक बारिश के कारण हुए जलभराव और बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने व रात कार्यों की समीक्षा के लिए लक्सर हरिद्वार पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जहां एक ओर ट्रैक्टर में बैठकर क्षेत्र में जलभराव से हुए नुकसान का आंकलन किया, वहीं दूसरी ओर स्ट्रीमर में बैठकर बाढ़ से हुए नुकसान की स्थिति को भी देखा। उन्होंने अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए तथा प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को सुरक्षित स्थान पर उनकी भोजन और स्वास्थ्य रक्षा की माकूल व्यवस्था के साथ रखने के निर्देश भी दिए। उन्होंने जलभराव से हुए नुकसान का तत्काल आंकलन कर प्रभावितों को सहायता देने की बात कहते हुए बंद पड़े मार्गों को जल्द से जल्द खोलने के आदेश भी दिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट करते हुए लिखा- आज हरिद्वार पहुंच कर जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। जिलाधिकारी एवं एसडीआरएफ की टीमों को प्रभावितों की हर संभव सहायता एवं जलनिकासी हेतु त्वरित एवं प्रभावी कदम उठाने हेतु निर्देशित किया। हरिद्वार जिला प्रशासन को प्रभावितों तक खाद्य सामग्री एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाने तथा जलभराव के कारण उत्पन्न होने वाली विभिन्न बीमारियों के प्रति पहले से ही सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
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