आमतौर पर देखा गया है जब केंद्र या प्रदेश में किसी दूसरी पार्टी के सरकार बनती है तब वह इसलिए सरकारों के तमाम फैसलों को पलट देती है । ऐसे ही हिमाचल प्रदेश में हो रहा है। कांग्रेस सरकार आते ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सबसे पहले जयराम ठाकुर के महत्वपूर्ण फैसलों को रद कर दिया है। जिसके बाद हिमाचल में सियासत गर्म हो गई है। हालांकि सुखविंदर सिंह के भाजपा सरकार के पलटे गए फैसले कोई नया नहीं है। पहले से ही सभी अनुमान लगा रहे थे कि कांग्रेस सरकार आते ही कई महत्वपूर्ण फैसलों को रद किया जाएगा, ऐसा ही हुआ। मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने फैसला लिया है कि जयराम सरकार के समय में पहली अप्रैल 2022 से लिए गए फैसले लागू नहीं होंगे। यही नहीं, सरकार ने बाकायदा आदेश जारी कर पिछली सरकार के समय की गई निगम व बोर्डों में विभिन्न नियुक्तियां रद कर दी, लोक निर्माण विभाग व जलशक्ति विभाग में नए कार्यों के टेंडर आगामी आदेश तक आमंत्रित नहीं किए जाएंगे। मल्टी टास्क वर्कर सहित आउटसोर्स भर्तियों की भी समीक्षा होगी। वहीं दूसरी ओर सुखविंदर सरकार के गिर गए इस फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नाराजगी जताई है।

बता दें कि पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है. जयराम ठाकुर ने लिखा कि भाजपा सरकार ने बिना किसी भेदभाव के पांच साल प्रदेश में काम किया. भाजपा ने पिछली कांग्रेस की सरकार द्वारा जनता के हित में लिए गए किसी भी फैसले को नहीं बदला लेकिन कांग्रेस ने भाजपा सरकार में हुए फैसलों को बदलना शुरू कर दिया है।सीएम जयराम ठाकुर ने आगे लिखा कि कांग्रेस ने अपना रिवाज जारी रखते हुए भाजपा सरकार के फैसलों को रोकने और पलटने का काम शुरू कर दिया है. जबकि अभी तो मंत्रिमंडल का भी गठन नहीं हुआ लेकिन बदले की भावना के साथ काम करने की शुरूआत कांग्रेस ने कर दी है। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, पुलिस स्टेशन, पुल, सड़क, पेयजल योजना इन सब कामों को लटकाने और भटकाने का काम कांग्रेस कर रही है जिसके लिए जनता कभी माफ नहीं करेगी।