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भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच दिल्ली में चली आ रही सियासी जंग आज खुलकर सामने आ गई। बता दें कि पिछले महीने 4 दिसंबर को दिल्ली में नगर निगम एमसीडी के चुनाव हुए थे। इन चुनाव में बीजेपी और आप के नेता के बीच सियासी घमासान चला आ रहा था। इन दोनों पार्टियों के नेता आज दिल्ली नगर निगम में भिड़ गए, मारपीट हो गई एक दूसरे पर लात घूंसे चलाएं। इन नेताओं को यह भी याद नहीं रहा कि हम जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं। “जनता के चुने हुए प्रतिनिधि ऐसे लड़ रहे थे जैसे लड़ाई सदन में नहीं बल्कि सड़क पर हो रही हो”। दिल्ली नगर निगम सदन में भाजपा और आम आदमी पार्टी के पार्षद ऐसे लड़ाई लड़ रहे थे जैसे स्कूल में बच्चों के बीच में होती है। नेताओं को यह भी याद नहीं रहा कि इनकी यह हाथापाई पूरा देश देख रहा है। दिल्ली नगर निगम सदन में दोनों ओर से “दे-दना-दन” होती रही। कई सभासदों को चोटें आईं और कुछ का खून भी बह गया । आइए अब जानते हैं नेताओं के बीच मारपीट की शुरुआत कैसे हुई। आज शुक्रवार यानी 6 जनवरी को दिल्ली में मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव होने थे। इसके लिए सिविक सेंटर में मतदान प्रक्रिया सुबह 11 बजे शुरू होनी थी। लेकिन, इससे पहले भाजपा और आम आदमी पार्टी पार्षदों के बीच हंगामा और हाथापाई शुरू हो गयी, जिसके चलते सदन स्थगित कर दी गयी। पार्षद लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। आज मेयर पद के लिए 11 बजे से वोटिंग होनी थी। लेकिन इससे पहले सदन में आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान आप पार्षदों के साथ बीजेपी पार्षदों की हाथापाई भी हुई। दोनों पार्टियों के पार्षदों में जमकर धक्का मुक्की हुई। यहां तक कि सदन में कुर्सियां भी चलीं। कुछ पार्षद टेबल पर भी चढ़ गए। इस दौरान कुछ पार्षद कुर्सी उठाकर पटकते देखे गए। कुछ धक्के में नीचे गिर गए। कुछ को चोटें आईं।
आप पार्षद मनोनीत सदस्यों को पहले शपथ दिलाने का विरोध कर रहे थे। इस सियासी बवाल के बीच दिल्ली में मेयर पद का चुनाव टल गया। आप पार्षद मनोनीत सदस्यों को पहले शपथ दिलाने का विरोध कर रहे थे। इससे पहले आम आदमी पार्टी ने एलजी द्वारा मेयर चुनाव के लिए बीजेपी की पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने पर आपत्ति जताई उधर, कांग्रेस ने इस चुनाव में वोटिंग में हिस्सा न लेने का फैसला किया । दिल्ली में एमसीडी के मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया हंगामे की वजह से शुक्रवार को शुरू नहीं हो पाई। चार घंटे चले हंगामे के बाद सदन को स्थगित कर दिया गया।हंगामे की वजह से शुक्रवार को मतदान नहीं हो पाया। एमसीडी मेयर चुनाव के लिए अब नयी तारीख तय होगी। आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंंह ने भड़कते हुए कहा, “जनता ने बीजेपी को हरा दिया तो क्या हमारे लोगों की हत्या करोगे?” जिसके जवाब में बीजेपी के लोकसभा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि आप के पास बहुमत है, फिर भी वह जीत के प्रति आश्वस्त नहीं है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 243आर स्पष्ट रूप से मनोनीत सदस्यों को सदन में मतदान करने से रोकता है। उन्हें सदन में वोट दिलाने की कोशिश असंवैधानिक है। आप सांसद संजय सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि सदन में भाजपा का खूनी खेल शुरू हो गया है। चुनाव में जनता ने हरा दिया तो भाजपा सदन में गुंडागर्दी कर रहीं है। भाजपा नेता आदेश गुप्ता ने कहा कि अराजकता आप की मानसिकता में निहित हो चुकी है! आज सदन में गुंडागर्दी और मारपीट करके लोकतंत्र का खिलवाड़ करने का कुकर्म जो आप के गुंडों ने किया है, यह इनकी नैतिक स्तर पर हार है। आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एमसीडी के इतिहास में आज तक कभी सदन में नॉमिनेटेड पार्षद ने वोट नहीं डाली। भाजपा बेईमानी से एमसीडी में कब्जा करना चाहती है। बीजेपी वालों तुम्हारी गुंडागर्दी नहीं चलने देंगे। अब अगली बैठक कब होगी इसका फैसला एलजी के हाथ में है। मेयर चुनाव की प्रक्रिया अप्रैल तक भी टाली जा सकती है। बता दें कि एमसीडी चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी ने पार्षद शैली ओबेरॉय को मेयर प्रत्याशी बनाया है जबकि भाजपा की ओर से रेखा गुप्ता मैदान में हैं।