केंद्र सरकार ने 5जी और 6जी तकनीक के क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अब तक 304.70 करोड़ रुपए की 110 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। यह जानकारी केंद्रीय संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी। इन परियोजनाओं को टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (TTDF) योजना के तहत स्वीकृति मिली है, जिसे 1 अक्टूबर 2022 को शुरू किया गया था।
डॉ. चंद्रशेखर के मुताबिक TTDF योजना का उद्देश्य शिक्षा जगत, स्टार्टअप, एमएसएमई, अनुसंधान संस्थानों और उद्योगों के बीच सहयोग को बढ़ाकर भारत में टेलीकॉम इकोसिस्टम को सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत स्वीकृत परियोजनाओं की अवधि 1 से 5 वर्षों तक की है और फिलहाल ये परियोजनाएं विकास के प्रारंभिक चरण में हैं। सरकार 5जी और 6जी तकनीक को बढ़ावा देने के लिए सरकारी और निजी संस्थानों, स्टार्टअप्स और एमएसएमई को तकनीकी क्षेत्रों में वित्तीय सहयोग दे रही है।
इस बीच, दूरसंचार विभाग ने फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर (FRI) नामक एक नया टूल विकसित किया है, जो किसी मोबाइल नंबर को वित्तीय धोखाधड़ी की दृष्टि से मध्यम, उच्च या अत्यधिक जोखिम श्रेणी में वर्गीकृत करता है। यह टूल बैंकों, एनबीएफसी और यूपीआई सेवा प्रदाताओं को संदिग्ध नंबरों की निगरानी और कार्रवाई के लिए सक्षम बनाता है।
FRI को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और पेमेंट सेवा प्रदाताओं को अपने सिस्टम में इसका एकीकरण करने और रियल-टाइम प्रतिक्रिया जैसे अलर्ट, लेनदेन में देरी या अस्वीकृति जैसे कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। कार्रवाई के परिणामस्वरूप अब तक 34 बैंकों, वित्तीय संस्थानों और यूपीआई प्रदाताओं ने 10.02 लाख बैंक खातों और वॉलेट को फ्रीज किया है, जबकि 3.05 लाख खातों पर डेबिट और क्रेडिट पर रोक लगाई गई है।
इसके अलावा, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन की डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी में दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए कई स्तरों पर काम कर रही है।
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