केंद्र सरकार ने आगामी जनगणना में जाति गणना को भी शामिल करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने इस संबंध में फैसला लिया है। यह जनगणना मूल जनगणना के साथ ही कराई जाएगी। कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्रिमंडल के फैसलों पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए।आजादी के बाद देश में पहली बार जाति जनगणना कराई जाएगी। केंद्रीय कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसे मूल जनगणना के साथ ही कराया जाएगा। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इसकी मांग करते रहे हैं। इस साल के आखिर में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं। राहुल गांधी ने कहा, ‘हम इसे सपोर्ट करते हैं, लेकिन सरकार को इसकी समय सीमा बतानी होगी।’
जनगणना सितंबर में शुरू हो सकती है: जनगणना की शुरुआत सितंबर में हो सकती है। हालांकि प्रोसेस पूरी होने में एक साल लगेगा। ऐसे में जनगणना के अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में मिल सकेंगे। देश में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। इसे हर 10 साल में किया जाता है। इस हिसाब से 2021 में अगली जनगणना होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।
कुछ राज्यों ने जाति सर्वेक्षण अच्छे तरीके से किया तो कुछ ने राजनीतिक कारणों से
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ राज्यों ने जाति सर्वेक्षण अच्छे तरीके से किया है, जबकि कुछ ने राजनीतिक कारणों से ऐसा किया है।
शिलांग से सिलचर तक एक नए राजमार्ग को भी दी मंजूरी
इसके अलावा केंद्र सरकार ने 22 हजार 864 करोड़ रुपये की लागत से शिलांग से सिलचर तक एक नए राजमार्ग को भी मंजूरी दी है। मीडिया को जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह परियोजना पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगी। उन्होंने कहा कि राजमार्ग की लंबाई 166 किलोमीटर से अधिक होगी और इससे त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और असम के बराक घाटी क्षेत्र से संपर्क बेहतर होगा।
चीनी सीजन 2025-26 के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य तय करने को भी दी मंजूरी
कैबिनेट ने चीनी सीजन 2025-26 के लिए किसानों के लिए 355 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य तय करने को भी मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि इस फैसले से पांच करोड़ गन्ना किसानों के साथ-साथ चीनी मिलों और संबंधित सहायक गतिविधियों में कार्यरत पांच लाख श्रमिकों को भी लाभ होगा।
previous post