हिमाचल प्रदेश में पूर्ण बहुमत मिलने के बाद कांग्रेस ने सरकार बना ली है। ऐसे 3 दिनों तक लगातार मुख्यमंत्री के पद को लेकर कांग्रेस पार्टी में जबरदस्त गुटबाजी जारी रही। आखिरकार पार्टी हाईकमान सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री और मुकेश अग्निहोत्री को उपमुख्यमंत्री बनाने में कामयाब रहा। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भले ही हिमाचल कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह समेत तमाम विधायक हाईकमान के सामने एकजुट होते नजर आए। लेकिन दो दिन बाद ही अब राज्य में कांग्रेसी विधायकों के मंत्री बनने के लिए होड़ के साथ दौड़ शुरू हो गई है। अब एक बार फिर से कांग्रेस आलाकमान को अपने जीते विधायकों को साधने की बड़ी चुनौती बनती जा रही है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और उनके विधायक बेटे विक्रमादित्य सिंह ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। इसके अलावा, रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह और कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। इसी बीच चर्चा है कि जगत सिंह नेगी और रवि ठाकुर में से किसी एक को विधानसभा का स्पीकर बनाया जा सकता है। रजिंदर राणा और विक्रमादित्य सिंह के नामों को लेकर सबसे ज़्यादा चर्चा है क्योंकि इन लोगों की दावेदारी सबसे ज़्यादा रही है। राहुल गांधी ने हिमाचल प्रदेश के सभी 40 विधायकों को राजस्थान के अलवर में बुलाया है। राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ही इन सभी विधायकों से मिलेंगे। राहुल गांधी सभी विधायकों से बात करके मतभेद खत्म करने की कोशिश करेंगे। राहुल गांधी और कांग्रेस हाई कमान लगातार कोशिश कर रहा है कि हिमाचल प्रदेश में मध्य प्रदेश जैसे हालात न हों। गुटबाजी के चलते हिमाचल प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार टलता नजर आ रहा है। फिलहाल हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायकों के मंत्री बताने के लिए हाईकमान के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं। अब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के पास मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चुनौती भी होगी।