आज से संसद में बजट सत्र शुरू हो गया है। पहले उम्मीद लगाई जा रही थी कि संसद की नई बिल्डिंग में यह शत्र होगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संसद में अभिभाषण से शुरू हुई। बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए विपक्ष से शांति बनाए रखने की भी अपील की। पीएम मोदी ने विपक्ष के सांसदों से अपील की कि सत्र में तकरार भी रहेगी, लेकिन तकरीर भी होनी चाहिए। आज राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद “आर्थिक सर्वेक्षण” पेश किया गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इकोनॉमिक सर्वे 2023 सदन में पेश कर दिया। इकोनॉमिक सर्वे में वित्त वर्ष 2023 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6-6.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। FY24 में नॉमिनल GDP ग्रोथ 11% रहने की संभावना है।इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि भारत के ग्रोथ में निजी खपत की अहम भूमिका होगी एक्सपोर्ट में और कमी आने का अनुमान है. करंट अकाउंट डेफिसिट और बढ़ सकता है वैश्विक स्तर पर कमोडिटी कीमतें ज्यादा रह सकती हैं। रुपये की गिरती कीमत, US फेड का रेट बढ़ाना चुनौती है। भारत के लिए भी महंगाई में कमी लाना चुनौतीपूर्ण है।
जहांआर्थिक सर्वेक्षण यानी इकोनॉमिक सर्वे वित्त मंत्रालय का प्रमुख सालाना दस्तावेज होता है। इकोनॉमिक सर्वे देश के आर्थिक विकास का लेखाजोखा होता है। इसी के आधार पर यह देखा जाता है कि पिछले एक साल में देश की अर्थव्यवस्था किस तरह की रही है। इसी सर्वे से आकलन लगाया जाता है कि कहां पर नुकसान हुआ और कहां पर फायदा हुआ है। इकोनॉमिक सर्वे को हमेशा बजट से ठीक पहले पेश किया जाता है। इसके आधार पर यह तय किया जाता है कि आने वाले साल में अर्थव्यवस्था में किस तरह की संभावनाएं देखने को मिलेंगी। इसके अलावा इस आधार पर सरकार को भी सुझाव दिए जाते हैं।आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के इकोनॉमिक्स डिविजन के द्वारा तैयार किया जाता है। यह मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार किया जाता है।
बजट सत्र में सुबह 11 बजे सदन में संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, मेरी सरकार का स्पष्ट मत है कि भ्रष्टाचार लोकतंत्र का और सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा दुश्मन है। इसलिए बीते वर्षों से भ्रष्टाचार के विरुद्ध निरंतर लड़ाई चल रही है। हमने सुनिश्चित किया है कि व्यवस्था में ईमानदार का सम्मान होगा। भ्रष्टाचार मुक्त इको सिस्टम बनाने, बेनामी संपत्ति अधिनियम को नोटिफाई किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर आतंकवाद पर कठोर प्रहार तक, एलओसी से लेकर एलएसी तक हर दुस्साहस के कड़े जबाव तक, आर्टिकल 370 हटाने से लेकर तीन तलाक तक, मेरी सरकारी की पहचान निर्णायक सरकार की रही है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, जनधन-आधार-मोबाइल से फर्जी लाभार्थियों को हटाने से लेकर वन नेशन वन राशन कार्ड तक, एक बहुत बड़ा स्थाई सुधार हमने किया है। बीते वर्षों में डीबीटी के रूप में, डिजिटल इंडिया के रूप में, एक स्थाई और पारदर्शी व्यवस्था देश ने तैयार की है। आयुष्मान भारत योजना ने देश के करोड़ों गरीबों को और गरीब होने से बचाया है, उनके 80 हजार करोड़ रुपए खर्च होने से बचाए हैं। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां फिलहाल विदेशी एजेंसी द्वारा उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ रिपोर्ट और बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर रोक के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। इतना ही नहीं बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर भी सरकार की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। इससे पहले सरकार ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।
बैठक में 27 पार्टियों के 37 नेताओं ने हिस्सा लिया और अपनी अपनी पार्टियों के विषयों को रखा।बता दें कि 1 फरवरी यानी कल संसद में आम बजट पेश किया जाएगा। यह मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है। साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के लिए भी यह बजट काफी महत्वपूर्ण है। मोदी सरकार साल 2014 से अब तक कुल 9 बजट पेश कर चुकी है। इस साल 10वां बजट पेश करने जा रही है। यह बजट सत्र दो चरणों में होगा। सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से शुरू होकर 13 फरवरी तक चलेगा। सत्र के दौरान 14 फरवरी से लेकर 12 मार्च तक अवकाश रहेगा। बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र के पहले भाग के दौरान, दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा होती है और उसके बाद केंद्रीय बजट पर चर्चा होती है। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रस्ताव के धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब देंगे, वहीं वित्त मंत्री केंद्रीय बजट पर बहस का जवाब देंगे। बजट सत्र के दूसरे हिस्से के दौरान, सरकार के विधायी एजेंडे के अलावा अलग-अलग मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर चर्चा की जाती है।
केंद्रीय बजट, एक धन विधेयक सत्र के इस भाग के दौरान पारित किया जाता है। एक बार फिर देशवासी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बजट की ओर निगाहें लगाए हुए हैं। देश की सबसे बड़ी जनसंख्या मिडिल क्लास जो महंगाई के बोझ से सबसे ज्यादा परेशान है, उसे उम्मीद है कि बजट में उनके लिए राहत का ऐलान होगा। वहीं टैक्स के बोझ तले दबे वेतनभोगी वर्ग को उम्मीद है कि वित्त मंत्री इनकम टैक्स में राहत देकर उनके दर्द को थोड़ा कम करेंगी। माना जा रहा है कि इनकम टैक्स में राहत मिल सकती है। इस बार बजट में वेतनभोगी वर्ग से लेकर व्यापारियों और महिलाओं आदि सभी को काफी उम्मीदें हैं। आम आदमी इस बार आम बजट में महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद कर रहा है। पिछले महीनों में हर चीज के दाम तेजी से बढ़े हैं। खानेपीने के सामान से लेकर रसोई गैस आदि सभी चीजों के दाम बढ़े हैं। आम जनता को उम्मीद है कि इस बार बजट में कई जरूरी चीजों पर टैक्स को सरकार कम करेगी। जिससे जनता को बढ़ती महंगाई से राहत मिल सकेगी।