कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम आने के 4 दिन बाद लगातार कांग्रेस हाईकमान में चले मंथन के बाद आखिरकार पार्टी ने राज्य में नया मुख्यमंत्री तय कर दिया है। कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया होंगे। कुछ देर बाद राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एलान करेंगे । डीके शिवकुमार के पास डिप्टी सीएम के साथ, दो ऊर्जा और सिंचाई मंत्रालय और प्रदेश अध्यक्ष का पद रहेगा। शपथ ग्रहण समारोह 18 मई को होगा। दोनों नेता 10 मंत्रियों के साथ शपथ लेंगे। बता दें कि चार दिनों के मंथन के बाद कांग्रेस ने कर्नाटक के सीएम का नाम फाइनल कर दिया। पार्टी ने एक बार फिर सिद्धारमैया के ऊपर भरोसा जताया है। सूत्रों के मुताबिक उनके नाम पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मुहर लगा दी है। कर्नाटक सीएम की रेस में सिद्धारमैया अपने प्रतिद्वंद्वी डीके शिवकुमार पर भारी पड़े। वह कल शपथ ले सकते हैं। वहीं, डीके शिवकुमार के सरकार में शामिल होने पर सस्पेंस बना हुआ है।
अपडेट👇
सिद्धारमैया कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री होंगे और डी.के. शिवकुमार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक सरकार के गठन के लिए आम सहमति पर पहुंचे। शपथ ग्रहण समारोह 20 मई को बेंगलुरु में होगा।
बता दें कि कर्नाटक में 13 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। चुनाव में कांग्रेस ने प्रचंड जीत हासिल की और बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया। कांग्रेस ने चुनाव से पहले सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया था। ऐसे में चुनाव के बाद पूर्व सीएम सिद्धारमैया और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने सीएम पद के लिए दावेदारी की थी। इसके बाद आलाकमान ने दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाया था। चार दिन के मंथन और कई दौर की बातचीत के बाद भी नाम पर आम सहमित नहीं बन पाई। कांग्रेस के कर्नाटक में सबसे बड़े नेताओं में से एक हैं। उन्हें शुरुआत से ही सीएम पद के लिए डीके शिवकुमार से ज्यादा मजबूत दावेदार माना जा रहा था सिद्धारमैया ने अपने राजनीतिक जीवन में 12 चुनाव लड़े, इनमें से 9 में जीत हासिल की। बता दें कि राजनीति में अधिक अनुभव के हिसाब से सिद्धारमैया डीके शिवकुमार पर भारी पड़ गए। सिद्धारमैया सीएम रहे हैं.श। वे इससे पहले 1994 में जनता दल सरकार में कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री थे। उनकी प्रशासनिक पकड़ मानी जाती है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई मामला भी नहीं है। जबकि डीके शिवकुमार के खिलाफ कई मामले चल रहे हैं। वे जेल भी जा चुके हैं। सिद्धारमैया और डीके दोनों ही गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं। सिद्धारमैया को 2008 में जेडीएस से कांग्रेस में लाने में मल्लिकार्जुन खड़गे की अहम भूमिका मानी जाती है। ऐसे में वे खड़गे के काफी करीबी बताए जाते हैं। सिद्धारमैया 2013 से 2018 तक कर्नाटक के सीएम रहे। इस दौरान उन्होंने टीपू सुल्तान को कर्नाटक में नायक के तौर पर स्थापित करने की कोशिश की। ऐसे में मुस्लिम समुदाय में उनकी अच्छी पैठ मानी जाती है। सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय (ओबीसी) से आते हैं। कर्नाटक में तीसरा बड़ा समुदाय है। इतना ही नहीं सिद्धारमैया राज्य के सबसे बड़े ओबीसी नेता माने जाते हैं। शिवकुमार की तुलना में सिद्धारमैया को ज्यादा बड़ा जननेता माना जाता है।