आज हम आपको दो ऐसे अफसरों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपने पद की गरिमा का भी ध्यान नहीं रखा। सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह दोनों आरोपी सचिवालय में तैनात थे, जहां पर मुख्यमंत्री का सीधा ही हस्तक्षेप रहता है। इन्होंने ऐसा कार्य किया है जितनी निंदा की जाए उतना ही कम है। यह दोनों अफसर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की आयोजित परीक्षा पेपर लीक मामले में सीधे तौर पर आरोपी हैं। यह परीक्षा उत्तराखंड में पिछले साल 4 और 5 दिसंबर को आयोजित की गई थी। फिलहाल दोनों अफसरों को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले में अभी तक उत्तराखंड की सियासत गरमाई हुई है। राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा एसटीएफ को सौंपा है। एसटीएफ ने आज एक और उत्तराखंड सचिवालय में तैनात न्याय विभाग के अपर निजी सचिव सूर्य प्रताप को पेपर लीक मामले में अरेस्ट किया है।
अपर निजी सचिव सूर्य प्रताप उत्तराखंड सचिवालय में न्याय विभाग में तैनात हैं। सूर्य प्रताप मूल रूप से उधमसिंह नगर जिले के जसपुर थाना क्षेत्र के निवाड़ गांव का रहना वाला है। गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने आरोपी सूर्य प्रताप को कोर्ट में पेश किया है। आपको बता दें कि 2 दिन पहले यूकेएसएसएससी के पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने सचिवालय के अपर निजी सचिव और उसके चचेरे भाई को गिरफ्तार किया था। चचेरे भाई ने परीक्षा में नकल कर 163वीं रैंक हासिल की थी। आरोपी से पूछताछ और अभ्यर्थियों के बयान के आधार पर उसकी संलिप्तता की पुष्टि हो गई है। जसपुर के कासमपुर गांव निवासी अभ्यर्थी तुषार चौहान को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया । अन्य आरोपियों ने तुषार के बारे में बताया था। पूछताछ में तुषार ने सचिवालय में तैनात अपने भाई गौरव चौहान का नाम भी लिया । गौरव लोक निर्माण एवं वन विभाग में अपर निजी सचिव है। गौरव चौहान को भी एसटीएफ ऑफिस पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पता चला था कि गौरव ने अपने घर दो अभ्यर्थियों से 15-15 लाख रुपये में सौदा किया था। पूछताछ के बाद सचिवालय में तैनात अपर निजी सचिव गौरव चौहान को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया । आज उत्तराखंड एसटीएफ ने उत्तराखंड सचिवालय में तैनात न्याय विभाग के अपर निजी सचिव सूर्य प्रताप को गिरफ्तार किया है। पेपर लीक के मामले में उत्तराखंड सचिवालय से ये दूसरी गिरफ्तारी है । बता दें कि अभी तक इस मामले में 2 अपर निजी सचिव समेत 16 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं, दो कर्मचारी पुलिस के जवान हैं। इसके अलावा दो आरोपी नैनीताल जिले में अलग-अलग कोर्ट में कनिष्ठ सहायक के पद पर तैनात हैं। इसी मामले में उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने गुरुवार को राजधानी देहरादून में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि पेपर लीक मामले में सभी आरोपियों का गैंगस्टर एक्ट की कारवाई की जाएगी।