आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को रैली की। अपने संबोधन के दौरान सीएम केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला भी बोला। केजरीवाल ने कहा- आज यह अध्यादेश दिल्ली के लिए आया है कल बाकी राज्यों के लिए भी आएगा। हम रामलीला मैदान में इसी तानाशाही वाली सरकार को देश से निकालने के लिए आए हैं।
दिल्ली के रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि दिल्ली की जनता सुप्रीम है, लेकिन प्रधानमंत्री ने आदेश को खारिज कर दिया और अध्यादेश लेकर आ गए। जो कहता है कि अब दिल्ली के अंदर जनतंत्र नहीं होगा। अब दिल्ली में तानाशाही चलेगी। अब जनता सुप्रीम नहीं है। अब जनता नहीं एलजी सुप्रीम होगा। जनता जिसे भी वोट दे और सरकार बनाए, पीएम कहते हैं कि सरकार तो मैं ही चलाऊंगा।
अरविंद केजरीवाल ने रामलीला मैदान में जो कहानी सुनाई थी, उस पर बीजेपी प्रवक्ता अजय आलोक ने सीएम से पूछा है कि वो किसको खुश करना चाह रहे हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि वह भगवान शिव की महिमा को खंडित करता है। भगवान शिव हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और उनकी जान नहीं लेते हैं। अरविंद केजरीवाल ने एक कहानी भी सुनाई। उन्होंने कहा, “एक महान देश था। उस देश के गरीब घर में बच्चा पैदा हुआ। गांव में ज्योतिषी आते हैं।
ज्योतिषी बच्चे का भविष्य बताते हैं। उसने कुंडली देखकर कहा कि माई तेरा बेटा बड़ा होकर बड़ा सम्राट बनेगा। माई को समझ नहीं आया। मैं गरीब हूं तो बच्चा सम्राट कैसे बनेगा। बच्चा बड़ा हुआ, सरकारी स्कूल में एडमिशन करा दिया। पढ़ने लिखने में मन नहीं लगता था। चौथी में आकर नाम कटवा लिया। बगल में रेलवे स्टेशन था, घर में गरीबी थी। वो बच्चा वहां जाकर चाय बेचने लगा। चाय बेचकर गुजारा करता था। बचपन में अच्छा भाषण देता था। धीरे-धीरे आस-पास के गांवों में फैल गया कि भाषण अच्छा देता है जो भी टॉपिक हो, सभी पर भाषण देता रहता था।बढ़ा होकर देश का सम्राट बन गया।
अफसर आते और सम्राट से साइन करा लेते. उसे तो पढ़ना आता नहीं था, लेकिन उसे लगता था कि अगर मैं अफसरों से पूछूंगा तो मेरी कमजोरी सामने आ जाएगी। धीरे-धीरे देश के अंदर फैल गया राजा अनपढ़ है। उसे बुरा लगने लगा तो राजा ने फर्जी डिग्री का जुगाड़ कर लिया। एमए की डिग्री का. वह धीरे-धीरे अहंकारी होता गया। एक बार कुछ लोग गए, राजा को बोले नोटबंदी कर दो भ्रष्टाचार और आतंकवाद खत्म हो जाएगा। रात में आठ बजे टीवी पर आकर उसने नोटबंदी कर दी। पूरे देश को बेड़ा गर्क कर दिया।
कोई आकर बोला कि 2000 का नोट लेकर आ जाओ फिर कोई आया तो बोल दिया कि नोट बंद कर दो, उसने नोट बंद कर दिया। उसे अक्ल नहीं थी तो कभी नोट बंद करता कभी चालू। किसी के कहने पर किसानों का कानून बना दिया। पूरे देश के किसान सड़कों पर उतर आए. 750 किसान मर गए आंदोलन में।
एक साल बाद राजा को कानून वापस लेने पड़े। महामारी फैल गई तो चम्मच थाली बजवा दी, लेकिन उसे समझ नहीं आया कि दवाई, इंजेक्शन की जरूरत पड़ेगी. राजा अपने दोस्तों का ख्याल रखता था। एक दोस्त ने 12 हजार करोड़ रुपये चोरी कर लिए तो उसे राजा ने देश से भगा दिया. एक दोस्त ने 20 हजार करोड़ चोरी किए तो उसे भी भगा दिया. एक करीबी दोस्त पर राजा मेहरमान था। उसे खदान, जमीन सब बेच दिए। राजा ने दोस्ती नहीं छोड़ी।
मजाल किसी दोस्त पर आंच आ जाए. एक दोस्त ने किसानों को कुचल दिया, लेकिन दोस्ती नहीं छोड़ी। राजा बहुत दोस्तबाज था। एक पत्रकार ने कार्टून बना दिया, उसे उठाकर जेल में डाल दिया। एक पत्रकार ने कुछ लिख दिया, उसे पकड़कर जेल में डाल दिया। कोई जज राजा के खिलाफ ऑर्डर कर दिया तो उसे भी नहीं छोड़ता। देवता सबकुछ देख रहे थे। देवताओं ने मीटिंग की। शिव जी के पास पहुंच गए देवता। जनता परेशान हो रही है।
शिवजी ने नेत्र खोल दिए. पृथ्वी के ऊपर उज्जैन के मंदिर में सप्तऋषि की मूर्ति टूट गई। रेल हादसा हो गया। आकाशवाणी हुई- महान देश के लोगों उठो, खड़े हो जाओ, इस अहंकारी राजा के खिलाफ आवाज उठाओ। एक साल के अंदर जनता ने राजा का राजपाठ उठाकर फेंक दिया। ये कहानी पवित्र कहानी है. इसको सुवने-सुनाने से परिवार, समाज और देश का भला होता है।