भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी का मामला देश से निकलकर मुस्लिम देशों तक पहुंच गया है। मामले में अरब और खाड़ी देशों की एकजुटता भारत के लिए परेशानी भी बनती जा रही है। सऊदी अरब, कुवैत, मलेशिया, ईरान, ओमान, पाकिस्तान, जॉर्डन, बहरीन यूएई, कतर समेत 50 से अधिक मुस्लिम देशों ने भारत सरकार से नाराजगी और विरोध जताया है। केंद्र सरकार अपने कूटनीति की वजह से इन सभी देशों को साधने में जुटी हुई है। कुछ मुस्लिम देशों में भारतीय सामानों को प्रतिबंधित भी कर दिया गया है। भारत का विदेश विभाग कई दिनों से बयान भी जारी कर रहा है। हालांकि भारत मुस्लिम देशों के ऐतिहासिक रिश्ते रहे हैं। सऊदी अरब और कतर ने भाजपा नेता नूपुर शर्मा को निलंबित करने पर भारत सरकार का स्वागत भी किया है। इस पूरे मामले को पाकिस्तान हवा देने में लगा हुआ है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी बसपा समेत कई विपक्षी दल भाजपा पर दबाव बनाने में जुटी हुई हैं। इन सबके बीच बीजेपी हाईकमान ने अब अपने नेताओं को सख्त हिदायत दी है। यह आदेश भाजपा के उन नेताओं के लिए है जो सार्वजनिक स्थानों, मीडिया या टीवी डिबेट के दौरान धार्मिक मामले में बयानबाजी करते हैं। या विवादित बयान देते हैं। ‘अब टीवी डिबेट के दौरान भाजपा प्रवक्ताओं को सोच कर बोलना होगा। इसके अलावा बीजेपी के प्रवक्ताओं से कहा गया है कि वे संवेदनशील धार्मिक मुद्दों पर बोलते समय यह ध्यान रखें कि किसी धर्म का अपमान न हो। बीजेपी ने अपने नेताओं से किसी भी धार्मिक मुद्दे पर बात रखने से पहले ‘परमिशन’ लेने के लिए कहा है। इसके अलावा पार्टी ही किसी मुद्दे पर डिबेट या मीडिया में बयान देने के लिए लाइन तय करेगी’। रिपोर्ट के अनुसार अनंत कुमार हेगड़े, शोभा करंदलाजे, गिरिराज सिंह, तथागत राय, प्रताप सिम्हा, विनय कटियार, महेश शर्मा, टी. राजा सिंह, विक्रम सिंह सैनी, साक्षी महाराज, संगीत सोम समेत कई पार्टी के नेताओं को धार्मिक टिप्पणी या ना करने के लिए कहा गया है।