उत्तर प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र में करीब 30 सालों से समाजवादी पार्टी या कहें मुलायम परिवार का एक छत्र राज रहा है। लेकिन अब सहकारिता क्षेत्र से सपा का वर्चस्व पूरी तरह से खत्म हो गया है। कोऑपरेटिव फेडरेशन पीसीएफ के सभापति पद पर विराजमान शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव का जलवा खत्म हो गया है। इसी के साथ शिवपाल के हाथ से सहकारिता में बची आखिरी कुर्सी भी चली गई । उनके बेटे आदित्य यादव का कार्यकाल खत्म हो गया । भाजपा ने आदित्य यादव को दोबारा इस पद पर खड़े होने का मौका ही नहीं दिया। अब उनकी जगह वाल्मीकि त्रिपाठी पीसीएफ के सभापति और रमाशंकर जायसवाल उपसभापति निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव 10 सालों से पीसीएफ के सभापति की गद्दी पर बैठे हुए थे। पीसीएफ के सभापति बने वाल्मीकि त्रिपाठी बीजेपी के सहकारिता प्रकोष्ठ से जुड़े रहे और उपसभापति के तौर पर जीते रमाशंकर जायसवाल आरएसएस के अनुशांगिक संगठन सहकार भारती से जुड़े हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश में 7500 सहकारी समितियां हैं। भारतीय जनता पार्टी ने इन समितियों पर अपना कब्जा जमा लिया है। प्रदेश की शीर्ष सहकारी संस्थाओं की बात करें तो इनमें उप्र को ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड, उप्र सहकारी बैंक लिमिटेड, उप्र सहकारी ग्राम्य विकास बैंक, उप्र राज्य निर्माण सहकारी संघ, उप्र राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ, उप्र राज्य उपभोक्ता सहकारी संघ लिमिटेड, उप्र जूट सहकारी संघ लिमिटेड, उप्र को ऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड प्रमुख हैं। सिर्फ पीसीएफ पर ही सपा विधायक शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव का कब्जा था। अब इस पर भी भाजपा विराजमान हो गई है।
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