पांच महीने पहले उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव को लेकर सुभासपा के अध्यक्ष और विधायक ओमप्रकाश राजभर को लेकर अटकलें लगती रही भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकते हैं। लेकिन राजभर अखिलेश यादव के साथ ही बने रहे। अब पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर एक बार फिर से राजभर को अपने पाले में लाने के लिए भाजपा ने फिर कोशिश शुरू की। भाजपा हाईकमान चाहता था कि एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ओमप्रकाश राजभर अपना समर्थन दें। आखिरकार कई दिनों की मशक्कत के बाद राजभर अब अखिलेश यादव को बड़ा झटका दिया है। सुभासपा के अध्यक्ष और सपा गठबंधन के सहयोगी ओम प्रकाश राजभर ने राष्ट्रपति चुनाव में अपना दिशा बदल ली है। राजभर ने गठबंधन से अलग बीजेपी समर्थित एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का एलान किया है। लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर ओम प्रकाश राजभर ने सपा के साथ अपने अनबन को साफ कर दिया है। राजभर ने कहा- मैंने अखिलेश यादव का इंतजार किया। रिस्पॉन्स नहीं मिला उसके बाद ये निर्णय लिया। ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि हमें सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुलाया और मैं डिनर पार्टी में गया. जहां द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आप कमजोर की लड़ाई लड़ते हो तो हमारा समर्थन करें। 12 जुलाई को मेरे पास अमित शाह जी का फोन आया। मिलने को कहा तो मैं मिलने गया था। गृहमंत्री अमित शाह ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने को कहा। हमने अपनी पार्टी के एमएलए के साथ मीटिंग की। हमारी पार्टी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करती है। मुख्तार अंसारी के बेटे और विधायक अब्बास अंसारी भी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करेंगे। ओमप्रकाश के इस फैसले के बाद अखिलेश यादव को बड़ा झटका माना जा रहा है।