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गुजरात में आज शाम को मोरबी में पुल टूटने से बड़ा हादसा हो गया है। घटना के दौरान पुल में करीब 400 लोग मौजूद थे। पुल टूटते ही कई लोग नदी में समा गए। हादसे में 77 लोगों की मौत हो चुकी है। बता दें कि दीपावली पर छुट्टी होने की वजह से काफी संख्या में लोगों की भीड़ मौजूद थी। यहां मच्छु नदी में बना केबल स्टे ब्रिज अचानक टूट जाने से कई लोग नदी में गिर गए। लोगों को नदी से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। जिस समय यह पुल टूटा उस समय घटनास्थल पर भगदड़ मच गई। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री दुख जताया है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गुजरात दौरे पर हैं। बता दें कि 5 दिन पहले ही इस केबल ब्रिज को रिनोवेशन के बाद चालू किया गया था। रिनोवेशन के बाद भी इतना बड़ा हादसा होने पर अब कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। रविवार देर रात मौके पर मौजूद गुजरात के पंचायत मंत्री बृजेश मेरजा के मुताबिक हादसे में करीब 77 लोगों की मौत हो चुकी है और 70 लोग घायल बताए जा रहे हैं। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बचे हुए लोगों को नदी से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। हादसे की भयावहता को देखते हुए भारतीय वायु सेना (IAF) के गरुड़ कमांडो की टीम को रवाना कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। मच्छू नदी पर नवनिर्मित केबल पुल तीन दिन पहले खोला गया था। ये हादसा शाम 7 बजे हुआ है, उस वक्त पुल पर 500 लोग मौजूद थे। ये सभी छठ (Chhath) का त्योहार मना रहे थे। इस हादसे पर गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने ट्वीट करके दुख जताया है। उन्होंने लिखा कि, “मोरबी में केबल पुल गिरने के हादसे से मुझे गहरा दुख हुआ है। प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य जारी है। प्रशासन को घायलों के तत्काल इलाज की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। मैं इस संबंध में जिला प्रशासन से लगातार संपर्क में हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे में जान गंवाने वालों में से प्रत्येक के परिजनों के लिए पीएमएनआरएफ (PMNRF) से 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50 हजार रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की है। गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने भी राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये देने का एलान किया है।मोरबी का यह सस्पेंशन ब्रिज 140 साल से भी ज्यादा पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है। इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। यह उस समय लगभग 3.5 लाख की लागत से 1880 में बनकर तैयार हुआ था। उस समय इस पुल को बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था। इसके बाद इस पुल का कई बार रेनोवेशन किया जा चुका है। हाल ही में दिवाली से पहले इसके मरम्मत का काम 2 करोड़ की लागत से किया गया था।
