भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को यूके के हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। उसकी अपील को कोर्ट ने ठुकरा दिया है। इसके बाद वो प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ यूके के सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं कर सकेगा। पिछले माह नीरव को भारत प्रत्यर्पित करने के मामले में लंदन हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला दिया था। नीरव ने लोअर कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि भारत में जेलों की हालत बेहद खराब है और वहां उसे जान का खतरा भी हो सकता है। लेकिन अदालत ने कहा- नीरव को भारत के हवाले करने का फैसला न तो नाइंसाफी है और न ही इसे किसी दबाव के तौर पर लिया जाना चाहिए। हाईकोर्ट में अपील खारिज होने के बाद नीरव मोदी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकता था। लेकिन इसमें पेंच यह है कि सुप्रीम कोर्ट में कोई अपील तभी की जा सकती है जब हाईकोर्ट यह कह दे कि मौजूदा केस आम लोगों के लिए अहम है। लेकिन आज की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने साफ कहा कि उसे नहीं लगता कि इस केस की कोई अहमियत लोगों के लिए है। अब वह यूरोपीयन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स के रूल 39 के तहत अपील दायर कर सकता है। इस नियम के तहत कोर्ट कुछ अंतरिम उपाय लागू करता है।