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देश के खूबसूरत प्रदेश सिक्किम में आज दोपहर एक दुखद घटना सामने आई है। सिक्किम की राजधानी गंगटोक के पास में हिमस्खलन होने से 7 पर्यटकों की मौत हो गई है। हिमस्खलन भारत-चीन सीमा के पास स्थित एक ऊंचे पहाड़ी दर्रे नाथू ला के पास हुआ। हादसे में 11 लोग घायल हुए हैं। घायलों को राज्य की राजधानी गंगटोक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 27 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। यह घटना आज दोपहर करीब 12:20 पर हुई। बताया जा रहा है कि अभी भी कई लोग बर्फ में दबे हुए हैं। दबे लोगों को बचाने के लिए सिक्किम पुलिस, एनडीआरएफ और सेना रेस्क्यू चला रही है। करीब 80 पर्यटकों के फंसे होने की आशंका है। सेना के अधिकारियों ने ये जानकारी दी।
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मृतकों में चार पुरुष, एक महिला और एक बच्चा शामिल है। हिमस्खलन के बाद गंगटोक को नाथू ला से जोड़ने वाले 15वें मील जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर बचाव अभियान जारी है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि बर्फ में फंसे 27 पर्यटकों को रेस्क्यू किया गया था। उन्हें गंगटोक के एसटीएनएम अस्पताल और सेंट्रल रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से सात लोगों की मौत हो गई। सड़क से बर्फ हटाने के बाद 350 पर्यटकों और 80 वाहनों को भी बचाया गया। ये सभी एक बस के यात्री बताए जा रहे हैं, जो तूफान की बर्फ के धक्के से खाई में गिर गई। हालांकि किसी भी अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
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चेकपोस्ट के महानिरीक्षक सोनम तेनजिंग भूटिया द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, “पास केवल 13वें मील के लिए जारी किए जाते हैं, लेकिन पर्यटक बिना अनुमति के 15वें मील की ओर गए। यह घटना 15वें मील पर हुई।”हिमस्खलन के बाद बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) की ओर से रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ा एक वीडियो जारी किया गया, जो कि समाचार एजेंसी एएनआई ने साझा किया। क्लिप में अफरा-तफरी के माहौल के बीच लोगों को बचाते हुए आसपास के अस्पताल ले जाया जा रहा था। बता दें कि ऐतिहासिक नाथुला दर्रा समुद्रतल से करीब 4,310 मीटर की ऊंचाई पर है। भारत-तिब्बत के बीच पौरोणिक ट्रेड रूट होने के अलावा इस दर्रे की अहमियत भारत-चीन के सैनिकों के बीच 1967 में हुई लड़ाई के कारण भी है । इस लड़ाई में भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकोंं को मार गिराया था। इसके चलते गंगटोक आने वाले टूरिस्ट भारी संख्या में इस दर्रे को देखने के लिए पहुंचते हैं।