पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच काफी समय से चला आ रहा विवाद अब चरम पर आ पहुंचा है। अब ममता सरकार ने राज्यपाल धनखड़ की शक्तियों को कम करने की तैयारी शुरू कर दी है। अब ममता सरकार ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ के खिलाफ एक और दांव चल दिया है। राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री को राज्यपाल की जगह विश्वविद्यालय का चांसलर बनाए जाने का निर्णय लिया है। बता दें कि किसी भी राज्य में राज्यपाल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति भी होते हैं। लेकिन अब सीएम ममता राज्यपाल को इस अधिकार से हटाने की तैयारी शुरू कर दी है। ममता सरकार के इस फैसले के बाद पश्चिम बंगाल सरकार के तहत चल रही सभी यूनिवर्सिटीज में अब राज्यपाल नहीं बल्कि राज्य का मुख्यमंत्री कुलाधिपति होगा। सरकार इसे अमल में लाने के लिए जल्द ही विधेयक पेश करेगी। राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्या बसु ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव को अपनी मंजूर करने के संकेत दिए हैं। विधानसभा में जल्द लाया जाएगा विधेयक बसु ने कहा कि गुरुवार को राज्य मंत्रिमंडल ने राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को सभी स्टेट यूनिवर्सिटीज का कुलाधिपति बनाने के प्रस्ताव को सहमति दे दी है। इस प्रस्ताव को जल्द ही विधानसभा में विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा। फिलहाल राज्यपाल ही सभी यूनिवर्सिटीज के कुलाधिपति हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले ही विश्विद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति को लेकर बंगाल में रस्साकसी की खबरें सामने आई थीं। बंगाल की ममता सरकार ने आरोप लगाया था कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य सरकार की सहमति के बिना कई कुलपतियों की नियुक्ति कर दी। इसलिए राज्यपाल की शक्तियां कम करने के लिए ममता सरकार ने ये बड़ा कदम उठाया है।